BAREILLY: गैर इरादतन हत्या के केस में चार साल से जेल में बंद भाई-बहन को छुड़ाने के लिए एक छात्र ने कड़ी मेहनत की। उसने बरेली से शाहजहांपुर तक पुलिस थाना और कोर्ट के कई चक्कर लगाए लेकिन कोर्ट ने भाई-बहन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इतनी मेहनत के बावजूद भी जब छात्र को सफलता नहीं मिली तो थर्सडे रात उसे गुस्सा आ गया। उसने शराब पी और फिर घर के पास के मंदिर में पहुंच गया। उसने भगवान से झगड़ा किया और गुस्से में मूर्तियां खंडित कर डालीं। जब मोहल्ले वालों को पता चला तो पुलिस को सूचना दी। मामला नकटिया के गोकुलनगर का है। पुलिस ने उसका शांतिभंग में चालान किया है। पुलिस ने परिजनों व अन्य के सहयोग से मूर्तियां सही करा दी हैं।

 

वर्ष 2013 में बहन की शादी

गोकुल नगर निवासी सूरज कुमार, फरीदपुर से आईटीआई कर रहा है। सूरज ने बताया कि उसने वर्ष 2013 में अपनी बहन किरन की शादी जलालनगर, सदर शाहजहांपुर निवासी अजय से की थी। सूरज का आरोप है कि शादी के तीन-चार महीने बाद ही उसकी बहन को परेशान किया जाने लगा तो उसने बहन के पति व ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया। जिसको लेकर सुनवाई शुरू हो गई और बहन की ससुराल वाले नाराज हो गए।

 

सास की हत्या का आरोप

सूरज की मानें तो वर्ष 2014 में बहन की सास राजबेटी की जलने से मौत हो गई। जिसमें उसकी बहन, भाई अनिल कुमार व उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया गया। उसकी मानें तो राजबेटी ने खुद आग लगाई थी लेकिन राजबेटी ने मरने से पहले बहन और भाई के खिलाफ बयान दे दिया था। जिसमें सदर पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और जेल में भेज दिया था। उसके बाद से वह उन्हें छुड़ाने के लगातार प्रयास कर रहा था लेकिन थर्सडे को कोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। सजा सुनते ही उसके व मां के होश उड़ गए। मां बेहोश हो गई और वह डिप्रेशन में आ गया। गुस्से में वह शराब पीकर आया और घर में रखी सभी मूर्तियां लेकर फेंकने के लिए निकल गया। वह मंदिर में भी गया, जहां गुस्से में उससे भगवान की मूर्तियां भी टूट गई। उसका कहना है कि उससे नशे और डिप्रेशन में गलती हो गई।

 

युवक की भाई-बहन को शाहजहांपुर की कोर्ट ने सजा सुनाई है। उसने गुस्से में शराब के नशे में मंदिर में मूर्तियां तोड़ दीं। मोहल्ले वालों की शिकायत पर उसे पकड़ लिया गया। युवक के परिजनों ने मूर्तियां सही करा दी हैं।

विजयपाल, एसओ कैंट