-ग्रह व नक्षत्रों ने मौसम के तेवर को को बनाया तल्ख

-एक मंथ बाद मिल सकती है गर्मी से राहत

VARANASI: अभी कुछ महीने पहले एक मूवी आई थी बुलेट राजा। मूवी में एक्टर सैफ अली खां का एक बहुत ही फेमस डायलॉग था कि जब हम आएंगे तो गर्मी थोड़ी बढ़ जाएगी। कुछ ऐसा ही डायलाग इस टाइम ग्रह व नक्षत्र भी बोल रहे है। हालांकि ग्रह नक्षत्र का आगमन हो चुका है। इसलिए गर्मी अपने चरम पर पहुंच चुकी है।

गर्मी व ऊष्म के कारक ग्रह

सनातनी परपंरा में भारतीय हिंदी नववर्ष ख्07क् की वर्ष लग्न कुंडली देखी जाए तो नववर्ष का आगमन धनु लग्न मीन राशि में हुआ, धनु लग्न अभिकारक लग्न है। वहीं दशम भाव का कन्या राशि को मंगल अपने चतुर्थ दृष्टि से लग्न को देख रहा है तथा मेष राशि पंचम भाव में बैठा केतु लग्न को देख रहा है। ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है भवमम केतु अर्थात मंगल के समान केतु का फल होता है। शास्त्रों में वर्णित है कि मंगल तथा केतु गर्मी व ऊष्म के कारक ग्रह हैं।

मृगषिरा व आद्रा में प्रॉब्लम डबल

जैसा कि माना गया है कि मृगषिरा नक्षत्र गर्म होता है। इसमें तपन, उमस बढ़ जाती है। मौसम में आक्रामकता काफी मजबूत स्थिति में आ जाती है। मृगषिरा के साथ-साथ आद्रा नक्षत्र की चाल स्टार्ट होती है। इसमें हल्की बारिश होती है और हवा पूर्वा चलती है। इससे उमस डबल हो जाती है।

चंद्रमा कर सकता है हेल्प

ज्योतिषशास्त्रों की मानें तो मंगल का साथी चंद्रमा ग्रह होता है। अगर चंद्रमा मजबूत स्थिति में आए तो मंगल को शांत करा सकता है जो तपिश के गुण को कम कर सकता है। चंद्रमा को ठंडा ग्रह के रूप में भी मानते है। मंगल ग्रह को शांत करने के लिए चंद्रमा का रोल अहम है। जिससे कि मौसम में संतुलन बना रहेगा।

क्भ् जुलाई के बाद मिलेगी राहत

भारतीय नववर्ष पर मंगल केतु की दृष्टि से यह इंगित हो रहा है कि इस वर्ष रिकार्डतोड़ ऊष्म व गर्मी पड़ रही है जो मंगल के कन्या राशि से तुला राशि में जाने के लिए उपरांत अर्थात क्भ् जुलाई के बाद गर्मी में कुछ कमी देखी जा सकती है।

मंगल व केतु ऊष्म व गर्म के कारक ग्रह है। इनके चाल से मौसम के तेवर तल्ख होंगे। क्भ् जुलाई के बाद ही गर्मी कम हो सकती है।

-आचार्य ऋषि द्विवेदी,

ज्योतिषाचार्य, बनारस

मृगषिरा व आद्रा भी मौसम में आक्रामकता लाते है। इससे तपन व उमस काफी बढ़ जाती है।

-पं। त्रिपुरारी मिश्रा,

ज्योतिषाचार्य, बनारस

मंगल को शांत करने के लिए चंद्रमा का रोल अहम होता है जो तपिश के गुण को कम कर देता है। चंद्रमा ठंडा ग्रह होता है।

-पं। जीके पाठक,

ज्योतिषाचार्य, पामिस्ट, बनारस