-मणिकर्णिका घाट का जल्द दिखेगा बदला look, केंद्र सरकार ने रिलीज किये पांच करोड़ रुपये

--Deadbodies को जलाने के लिए बनाये जायेंगे special plateform, लकड़ी की खपत होगी पहले से कम

-शव यात्रियों के लिए दो AC rest room बनाने की भी तैयारी

gopal.mishra@inext.co.in

VARANASI:

काशी जहां मोक्ष की चाह में देश- विदेश से लोग अपनों को मुक्ति दिलाने के लिए उनके दाहसंस्कार के लिए आते हैं तो वहीं यहां के श्मशान यानि मणिकर्णिका घाट पर दुश्वारियों के चलते उन्हें कई तरह की परेशानियों से भी दो चार होना पड़ता है लेकिन मोक्ष की राह में बाधा बने ये रोड़े जल्द खत्म होने वाले हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र के इस महातीर्थ के कायाकल्प की तैयारी शुरू कर दी है। आने वाले कुछ दिनों में मणिकर्णिका घाट उस स्वरुप में नजर आयेगा जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। क्0 करोड़ रुपये से भी अधिक बजट से इस घाट को मॉडीफाई करने की शुरुआत भी हो चुकी है।

शुरू हो गया काम

महाश्मशान मणिकर्णिका घाट के सौंदर्यीकरण और डेवलपमेंट के लिए कवायद शुरू हो चुकी है। इस काम की जिम्मेदारी प्लानर इंडिया संस्था और रूपा फाउंडेशन फाइनेंस को सौंपी गई है। योजना के कोऑर्डिनेटर गुलशन कपूर ने बताया कि मणिकर्णिका घाट को डेवलप करने के लिए सीधे प्रधानमंत्री इंटरेस्ट ले रहे हैं। यही वजह है कि भारत सरकार ने सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रेवेन्यू) के तहत घाट को पूरी तरह से मॉडिफाई करने के लिए पांच करोड़ रुपए पास भी कर दिया है। इसके लिए प्रशासन, नगर निगम व वीडीए के सहयोग से घाट पर काम भी शुरू हो चुका है। घाट के प्राचीन स्वरूप को ध्यान में रखते हुए घाट का मॉडल तैयार किया गया है।

ये होगी सुविधा

-मणिकर्णिका घाट पर शव यात्रियों के लिए बाथरूम, टॉयलेट और आरओ के पानी की सुविधा रहेगी।

-क्लॉक रूम भी बनवाया जाएगा और शव रखने के लिए प्लेटफॉर्म भी बनेगा।

-प्लेटफॉर्म म्0 फीट लंबा और 80 फीट चौड़ा होगा।

- रेस्ट रूम के ऊपर सस्ता फूड कोर्ट भी खोला जाएगा।

प्रदूषित नहीं होगा वातावरण

- डेडबॉडी रखने के लिए ख्ख् कवर्ड शवदाह गृह बनाये जायेंगे।

- 7/म् फीट के शवदाह स्थल के ऊपर एयर ट्रीट चिमनियां लगेंगी।

- इससे घाट प्रदूषण मुक्त होगा।

- शवदाह गृह में शवों को जलाने के लिए लोहे का स्टैंड लगेगा।

- घाट तक जाने वाली गलियों और नालियों को चुनार केपत्थर से बनवाया जाएगा।

- लकडि़यों को रखने लिए कवर्ड नाव भी घाट पर रहेंगी।

- भ्0 से ऊपर लैंप पोस्ट गलियों में लगाए जाएंगे।

- बिजली न होने पर लैंप सोलर प्लांट से भी रौशन होंगे।

- पूरी सीढि़यों को प्राचीन तरीके से फिर से ठीक किया जाएगा।

मोक्ष द्वार बनाने का काम शुरू

- मणिकर्णिका के जीर्णोद्वार के लिए काम की शुरुआत हो चुकी है।

- इसके तहत घाट के अंदर जाने वाले रास्ते पर मोक्ष द्वार बन रहा है।

- लाल पत्थर से बनने वाला मोक्ष द्वार कुछ दिनों में बनकर हो जाएगा तैयार।

मान्यता है इस श्मशान की

- मणिकर्णिका विश्व का एकमात्र श्मशान घाट है जिसे तीर्थ स्थली कहा जाता है

- मान्यता है कि यहां जलने वाली चिताएं कभी ठंडी नहीं होतीं।

- डेली यहां क्00 से ज्यादा चिताएं जलती हैं।

मणिकर्णिका घाट के स्वरुप को बदलने का काम शुरू हो गया है। क्0 करोड़ की लागत से ये काम होना है। मानकर चल रहे हैं कि एक साल के अंदर हम इस काम को पूरा कर लेंगे। जिसके बाद बनारस आने वालों को मणिकर्णिका घाट एक अलग लुक में दिखेगा।

श्याम लाल सिंह, डायरेक्टर, प्रोजेक्ट एजेंसी प्लानर इंडिया

मणिकर्णिका घाट के जीर्णोद्धार के लिए बनारस के सांसद व पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार बनने के बाद से ही प्रयासरत थे। इसी का नतीजा है कि मणिकर्णिका पर कई काम शुरू भी हो चुके हैं।

गुलशन कपूर, कोऑर्डिनेटर, मणिकर्णिका प्रोजेक्ट