उसने यह भी एक्सेप्ट किया है कि वह देश में हुए दो बम ब्लास्ट केसेज में भी इन्वॉल्व था। हालांकि, उसने यह नहीं बताया है कि देश के किस स्टेट या सिटी में हुए बम ब्लास्ट में वह शामिल था। वैसे, मंजर इमाम हैदराबाद बम ब्लास्ट व सिमी ट्रेनिंग कैंप के बारे में डिटेल्ड इनफॉर्मेशन देने के लिए तैयार हो गया है। कोर्ट ने एनआईए की उस अपील पर कन्सेंट दे दिया है, जिसमें एनआईए ने उसे गवर्नमेंट विटनेस बनाने को लेकर अप्लीकेशन दिया था.

NIA की मदद करेगा मंजर

मंजर इमाम अब एनआईए की मदद करेगा। उसने कहा है कि वह देश में हुए बम ब्लास्ट्स के केसेज के इन्वेस्टिगेशन में एनआईए की मदद करेगा। एनआईए सोर्सेज ने कहा है कि मंजर की मदद से एनआईए देश के टेररिस्ट्स और सफेदपोशों को बेनकाब कर सकती है। मंजर इमाम के एडवोकेट ने स्पेशल जज एस विजय कुमार की कोर्ट में कहा है कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) द्वारा जबरन मंजर इमाम को सीआरपीसी 164 के तहत स्टेटमेंट देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस पर स्पेशल जज ने मंजर से इस संबंध में बात की और कहा कि क्या वह बयान देने के लिए एग्री है या नहीं है। बाद में इस बात का फैसला हुआ कि मंजर का इकबालिया बयान चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पास ऑन रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा। केरल की इंटरनल सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन टीम (आईएसआईटी) की एसपी अजीता बेगम ने बताया है कि केरल में साल 2009 में हुए कलेक्टेरिएट ब्लास्ट केस में मंजर इमाम के इन्वॉल्वमेंट से रिलेटेड एक भी प्रूफ नहीं मिला है। एसपी अजीता बेगम ने कहा- मंजर इमाम मेरे ज्यूरिस्डिक्शन में किसी भी केस में वांटेड नहीं है। हालांकि, पुलिस अपने लेवल पर यह इन्वेस्टिगेट कर रही है कि किसी केस में मंजर का कोई रोल रहा है या नहीं। केरल पुलिस मंजर और उसके साथियों के बारे में डिटेल्स पता कर एनआईए द्वारा किए जा रहे इन्वेस्टिगेशन में को-ऑपरेट करेगी।