पद छोड़ने से पहले राष्ट्र को संबोधित

पूरे 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहने के बाद शनिवार को अपना पद छोड़ने से पहले राष्ट्र को आखिरी बार संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मैंने पूरी निष्ठा से देश की सेवा की. मैं देश के जनादेश का सम्मान करता हूं और आने वाली सरकार को अपनी शुभकामनाएं देता हूं. पीएम ने ये भी कहा कि मेरी जिंदगी खुली किताब की तरह है.

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इस कर्ज को कभी ना चुका पाऊंगा

मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि नई सरकार के नेतृत्व में देश विश्व में एक ताकत के रूप में उभरेगा. उन्होंने कहा कि हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं. पिछले 10 साल के शासनकाल में देश ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की. मनमोहन सिंह ने कहा कि वह इसके लिए देश का आभार व्यक्त करते हैं कि बंटवारे के समय बेघर हुए एक बच्चे को प्रधानमंत्री बनाया. इतने ऊंचे पद तक पहुंचा दिया. यह एक ऐसा कर्ज है जिसे मैं कभी अदा नहीं कर सकता. साथ ही यह एक ऐसा सम्मान भी है जिस पर मुझे हमेशा गर्व रहेगा.

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