समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सुबह 10 बजे मुज़फ़्फ़रनगर पहुंचेंगे और दो घंटे तक रुकेंगे. वो यहां बसीकलां, तावली और संझक इलाक़े के राहत शिविरों में जाएंगे.

प्रधानमंत्री दंगों के दौरान मारे गए पत्रकार के घर भी जाएंगे. इस दौरे में शाहपुर का ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल है.

प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के दौरे को देखते हुए ज़िले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इसके लिए मेरठ ज़ोन से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है.

ज़िला मजिस्ट्रेट के मुताबिक़ आज से मुज़फ़्फ़रनगर के स्कूल-कॉलेज भी खुल जाएंगे, जो सात सितंबर से ही बंद हैं जब सांप्रदायिक हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगाया गया था.

अखिलेश को काले झंडे

इससे एक दिन पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ज़िले का दौरा किया था और लोगों के ग़ुस्से का सामना करना पड़ा था.

मुज़फ़्फ़रनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं. हिंसा प्रभावित बहुत से लोगों को अस्थायी शिविरों में ठहराया गया है.

प्रधानमंत्री के दौरे से एक दिन पहले रविवार को अखिलेश यादव ने कवाल गांव का दौरा किया, जहां 27 अगस्त को एक छेड़खानी की वारदात के बाद तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पूरे ज़िले में तनाव पैदा हो गया था.

अखिलेश को गांववालों ने काले झंडे दिखाए और नारेबाज़ी की. गांव वालों ने सरकार पर तुरंत कार्रवाई न करने और हिंसा को रोक पाने में नाकाम रहने के आरोप लगाए.

अखिलेश यादव ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि दंगाइयों के खिलाफ़ सरकार कड़े कदम उठाएगी. ‘हम उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेंगे और दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई होगी.’ उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार ने न्यायिक आयोग गठित किया है जो 27 अगस्त के बाद की घटनाओं की पड़ताल कर रहा है.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कवाल गांव के अलावा मालिकपुरा और कांधला गांवों में भी गए जहां उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर माहौल बिगाड़ने के आरोप लगाए. बागपत में एके-47 के कारतूस मिलने की घटना पर उनका कहना था कि प्रशासन को सतर्क रहने की ज़रूरत है.

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