राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफा

शनिवार को 10सालों तक देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने आज अपना इस्तिफा दे दिया है. मनमोहन सिंह ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति प्रणबी मुखर्जी को सौंप दिया है. इसके साथ ही 15वीं लोकसभा भंग हो गई. अपना पद छोड़ने से मनमोहन सिंह ने पहले राष्ट्र को आखिरी बार संबोधित करते हुए कहा कि मैंने पूरी निष्ठा से देश की सेवा की. मैं देश के जनादेश का सम्मान करता हूं और आने वाली सरकार को अपनी शुभकामनाएं देता हूं. पीएम ने ये भी कहा कि मेरी जिंदगी खुली किताब की तरह है.

इस कर्ज को कभी ना चुका पाऊंगा

राष्ट्र को आखिरी बार संबोधित करते हुएअ मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि नई सरकार के नेतृत्व में देश विश्व में एक ताकत के रूप में उभरेगा. उन्होंने कहा कि हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं. पिछले 10 साल के शासनकाल में देश ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की. मनमोहन सिंह ने कहा कि वह इसके लिए देश का आभार व्यक्त करते हैं कि बंटवारे के समय बेघर हुए एक बच्चे को प्रधानमंत्री बनाया. इतने ऊंचे पद तक पहुंचा दिया. यह एक ऐसा कर्ज है जिसे मैं कभी अदा नहीं कर सकता. साथ ही यह एक ऐसा सम्मान भी है जिस पर मुझे हमेशा गर्व रहेगा.

पहले ही कर दी थी घोषणा

इससे पहले 13 मई, 2014 को मनमोहन सिंह ने अपनी आखिरी कैबिनट बैठक लेंगे, या फिर यूं कहे कि पीएम की अध्यक्षता में होने वाली यह बैठक यूपीए की 'विदाई बैठक' थी. यूपीए-2 की आखिरी केंद्रीय कैबिनेट बैठक 13 मई शाम साढ़े चार बजे नई दिल्ली हुई. इस बैठक में ही मनमोहन सिंह लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के अगले दिन यानी 17 मई को अपना पद छोड़ देने की घोषणा कर दी थी.

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