महत्वपूर्ण मसलों पर उनकी चुप्पी पर बार बार उठाए जा रहे सवालों के बाद नई मीडिया नीति के तहत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को प्रिंट मीडिया के कुछ चुनिंदा संपादकों से बातचीत की और लोकपाल, मंहगाई से लेकर राहुल गांधी और दयानिधि मारन से जुड़े सभी मुद्दों पर सवालों के जवाब दिए।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री आवास के बाहर नई दुनिया के संपादक आलोक मेहता और 'दिव्य मराठी' अख़बार के संपादक कुमार केतकर ने इस बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी दी। उनके अनुसार प्रधानमंत्री का कहना था, ‘‘पार्टी को मुझ पर विश्वास है। मैं हर हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलता हूं। मुद्दों पर चर्चा होती है। उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा है। मैं उन लोगों में से नहीं हूं कि चुपचाप पद पर बैठा रहूं। मैं कमज़ोर प्रधानमंत्री नहीं हूँ। ’’

 लोकपाल विधेयक पर चल रहे विवाद के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय को लोकपाल के दायरे में लाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। उनका कहना था, ‘‘प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाए जाने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है। ये मेरी निजी राय है लेकिन कैबिनेट के सहयोगियों की राय अलग है। राजनीतिक दलों की राय अलग है। मसलन जयललिता की राय अलग है। इसलिए इस पर

विचार करने और सर्वसम्मति बनाने की कोशिश हो रही है। ’’

मंहगाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने विस्तार से चर्चा की और कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आ रही कठिनाईयों के कारण मंहगाई बढ़ रही है और इस पर नियंत्रण करने की पूरी कोशिश जारी है। पिछले दिनों प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में जासूसी के मामले में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं आईबी को मामले की जांच सौपी थी और जांच रिपोर्ट से वो संतुष्ट है जिसमें कहा गया है कि कोई जासूसी नहीं हुई थी।

'विपक्ष सहयोग नहीं कर रहा' उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि कई मुद्दों पर विपक्ष सहयोग नहीं कर रहा है।

राहुल गांधी के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अभी पार्टी ने उन्हें इस पद की ज़िम्मेदारी दी है और भरोसा जताया है इसलिए वो इस पद पर हैं। कैबिनेट के विस्तार के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पर अभी विचार चल रहा है और जल्दी ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।

कैबिनेट मंत्री दयानिधि मारन पर लग रहे आरोपों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी एक प्रक्रिया होती है और सीबीआई जांच चल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘राजा के मामले में जांच हुई उसके बाद कार्रवाई हुई। इस मामले में भी जांच चल रही है। कुछ निकल कर आया तो कार्रवाई होगी.’’

कुमार केतकर ने बताया कि प्रधानमंत्री को ऐसा लगता है कि मीडिया आरोप लगाता है और फिर फ़ैसला भी सुना देता है। उन्होंने कहा कि मीडिया को भी ये सोचना चाहिए कि प्रधानमंत्री के पास कोई जादुई छड़ी नहीं होती है जिससे वो 24 घंटे में किसी भी समस्या का समाधान निकाल ले।

केतकर और आलोक मेहता दोनों ही संपादकों का कहना था कि प्रधानमंत्री ने इस बैठक के ज़रिए ये जताने की कोशिश की है कि वो कमज़ोर प्रधानमंत्री नहीं हैं और वो पूरी ताक़त के साथ अपना काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने बाबा रामदेव के रामलीला मैदान पर चल रहे प्रदर्शन पर पुलिस कार्रवाई पर भी बात की और कहा कि प्रदर्शन में कुछ

सांप्रदायिक तत्व थे और उन्हीं के कारण ये कार्रवाई करनी पड़ी थी। उनका कहना था, ‘‘हम अन्ना हज़ारे और बाबा रामदेव का सम्मान करते हैं। मेरे प्रस्ताव पर ही कैबिनेट मंत्री रामदेव से मिलने गए थे। पुलिस कार्रवाई करने का फै़सला कुछ खास परिस्थितियों में लेना पड़ा था। लेकिन उनके उठाए मुद्दे वाजिब हैं.’’

अंतरराष्ट्रीय स्थितियों के बारे में प्रधानमंत्री का कहना था कि अमरीका से लेकर यूरोप और पाकिस्तान तक स्थितियां अच्छी नहीं हैं। उनका कहना था कि वैश्विक आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती और इसका असर भारत पर भी पड़ रहा है।

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