RANCHI: रांची रिजनल डेवलपमेंट ऑथोरिटी(आरआरडीए) में ख्म् इंजीनियर्स की जरूरत है, लेकिन इकलौते इंजीनियर से काम चलाया जा रहा है। आरआरडीए उपाध्यक्ष अरविंद प्रसाद बताते हैं कि मैन पावर की कमी के कारण बहुत सारे काम प्रभावित हो रहे हैं। जबकि आरआरडीए के काम में नक्शा पास करना भी जुड़ गया है। वहीं, मैन पावर की कमी का फायदा अवैध निर्माण करने वाले लोग उठा रहे हैं। आरआरडीए चाहकर भी उनपर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

कांट्रैक्ट पर नियुक्ति की मांगी अनुमति

अरविन्द प्रसाद बताते हैं कि आरआरडीए में मैन पावर बढ़ाने के लिए कांट्रेक्ट पर इंजीनियर बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। प्राधिकार में ख्म् इंजीनियर, चार अमीन और सर्वेयर की बहाली के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है। प्राधिकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसमें क्भ् जूनियर इंजीनियर, 7 असिस्टेंट इंजीनियर और ब् एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, दो अमीन और दो सर्वेयर की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर होगी। उन्होंने बताया कि सरकार से नियुक्ति करने की अनुमति मांगी गई है।

नहीं हो पा रही अवैध निर्माण की जांच

रांची के आसपास के क्षेत्रों में बहुत सारे लोगों ने अवैध निर्माण कर रखा है। लेकिन इंजीनियर नहीं होने के कारण इनकी जांच नहीं हो पा रही है। बहुत सारे लोगों ने बिना परमिशन निर्माण कर रखा है। यह सभी लोंगों की जानकारी में है। लेकिन न कोई कार्रवाई हो रही है और न दोषियों को फाइन किया जा रहा है। गौरतलब हो कि आरआरडीए में ख्00म् से ही नक्शा पास नहीं हो रहा था। करीब ब्म्क् नक्शा लंबित थे, जिसे धीरे-धीरे पास किया जा रहा है।

वर्जन

हमारे पास इंजीनियरों की कमी है। इसलिए जल्द उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। रांची में क्भ् जूनियर इंजीनियर, क्भ् असिस्टेंट इंजीनियर, तीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की बहाली की जाएगी। अभी सिर्फ एक परमानेंट जूनियर इंजीनियर है। काम का बोझ अधिक है।

-अरविन्द प्रसाद, उपाध्यक्ष, आरआरडीए