- मनरेगा के तहत काम करने वाले मजूदरों की लगेगी डिजिटल अटेंडेंस

- केंद्र सरकार ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शुरू किया बायोमैट्रिक सिस्टम

- बॉयोमेट्रिक इंजीनियर और सीडीओ की देखरेख में होगा मशीन का निर्धारण

BAREILLY:

मनरेगा में घोटालों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कदम उठाया है। केंद्र अब डिजिटाइजेशन के जरिए फर्जीवाड़ा पर अंकुश लगाएगा। बता दें कि पिछले दो वित्तीय वर्षो के रिकॉर्ड खंगालने पर जांच में जुटी सीबीआई ने करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का अंदेशा जताया है। इसके लिए मजदूरों को अब बॉयोमेट्रिक मशीन के जरिए उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इसके लिए देशभर की हर ग्राम पंचायत में बायोमेट्रिक मशीन लगाने की तैयारी है। फ्राइडे को सीडीओ शिव सहाय अवस्थी और बॉयोमेट्रिक इंजीनियर की देखरेख में जिले की क्007 ग्राम पंचायतों की रूपरेखा तैयार होगी।

तो रुक जाएगा फर्जीवाड़ा

मनरेगा में फर्जीवाड़ा तो आम बात है। जिसमें मजदूरों से अधिक दिन तक कार्य लिए जाने, जॉब कार्ड होल्डर के अलावा दूसरे से काम करवाना, अधिक दिन तक काम करने के बाद भी अनुपस्थिति का रिकॉर्ड दर्ज होना समेत तमाम तरह से फर्जीवाड़ा हो चुका है। इस नाते केंद्र सरकार ने बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस लगवाने पर विचार किया है। बरेली की क्007 ग्राम पंचायतों में मशीनें लगाई जाएंगी। एक मशीन पर दस हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। इस हिसाब से करीब क्.भ्0 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जिस पर जिले के करीब फ् लाख मजदूर अटेंडेंस लगाएंगे। ग्राम पंचायत में मशीन वहां लगाई जाएगी जहां पर मनरेगा का काम चलेगा। इंजीनियर, ब्लॉक स्तर पर जाकर उंगली का साइन लेकर कंप्यूटर में फीड करेंगे। मशीन की देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित बीडीओ की होगी।

मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों की हाजिरी अब बायोमैट्रिक सिस्टम से लगेगी। मशीन को सभी ग्राम पंचायतों में लगाया जाएगा। ताकि फर्जीवाड़े पर रोक लग सके।

शिव सहाय अवस्थी, सीडीओ