कैंट पुलिस ने सेना की हेल्प से एक दर्जन कैंडिडेट को किया गिरफ्तार

डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन में पकड़ी गई गड़बडि़यां

एक कैंडिडेट ने दलाल को 3 लाख रुपये देने की बात स्वीकारी

BAREILLY: सेना में फर्जी डॉक्यूमेंट से भर्ती होने का बड़ा खुलासा हुआ है। एक दर्जन कैंडिडेट को फर्जी डॉक्यूमेंट से भर्ती होने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। ज्यादातर के डॉक्यूमेंट आनलाइन शो नहीं हुए और वैरीफिकेशन में भी ये डॉक्यूमेंट फर्जी पाए गए। सबसे ज्यादा गड़बड़ी मूल निवास प्रमाण पत्रों में पायी गई है। एक कैंडिडेट ने दलाल को तीन लाख रुपये देने की बात भी स्वीकार की है। पुलिस के साथ सेना इंटेलीजेंस भी दलाल की तलाश में जुटी हुई है।

ख्क् से ख्9 अगस्त तक हुई थी भर्ती

सेना के जॉट रेजीमेंट सेंटर में ख्क् अगस्त से ख्9 अगस्त तक बरेली, बदायूं, पीलीभीत, लखीमपुर, शाहजहांपुर और संभल डिस्ट्रिक्ट के कैंडिडेट की डाइरेक्ट भर्ती हुई थी। भर्ती के दौरान सभी कैंडिडेट से एजुकेशन सर्टिफिकेट, डोमिसाइल, करेक्टर सर्टिफिकेट समेत कई सर्टिफिकेट भी मांगे गए थे। भर्ती के दौरान कैंडिडेट को दौड़ और फिजिकल पास करना था। उसके बाद उन्हें लिखित परीक्षा भी देनी थी। पूरी प्रोसेस पूरी होने के बाद कैंडिडेट का सेलेक्शन हो गया और सेलेक्टेड कैंडिडेट को ज्वाइनिंग लेटर के साथ ट्रेनिंग के लिए ख्फ् अगस्त को सेना में बुलाया गया था।

ये कैंडिडेट आए गिरफ्त में

पुलिस गिरफ्त में आए क्ख् कैंडिडेट को ख्फ् दिसम्बर को जाट रेजीमेंट सेंटर में बुलाया गया लेकिन उन्हें डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन पूरा न होने की वजह से वापस भेज दिया गया। उसके बाद उन्हें ख्7 दिसम्बर को भी बुलाकर वापस किया गया लेकिन ख्9 दिसम्बर को सभी को डॉक्यूमेंट में वैरीफिकेशन न होने पर गिरफ्तार कर लिया गया। भर्ती बोर्ड के निदेशक के कर्नल राजीव दीक्षित ने सभी के खिलाफ कैंट पुलिस में एफआईआर दर्ज करायी है। गिरफ्त में आए आरोपियों की पहचान सुमित कुमार, अमर यादव, राहुल सिंह, संदीप सिंह, श्याम सिंह, विश्वेंद्र सिंह, अरूण कुमार, सचिन कुमार, राघवेंद्र, मोहित, सनी देओल, और प्रमोद यादव हैं।

एजुकेशन बोर्ड ने नहीं किया वैरीफाई

भमौरा, आंवला बरेली के रहने वाले राघवेंद्र ने मेरठ एजुकेशन बोर्ड से पढ़ाई की है। उसे ट्रेनिंग के लिए फतेहगढ़ के लिए लेटर भेजा गया था। उसका एजुकेशन डॉक्यूमेंट ऑनलाइन तो वैरीफाई हुए लेकिन मेरठ एजुकेशन बोर्ड ने उसके डॉक्यूमेंट वैरीफाई नहीं किए। संदीप सिंह के पिता शिवप्रताप खेती करते हैं। वह लखीमपुर के गोकुलपुरी का रहने वाला है। उसे बंगलुरू में ट्रेनिंग के लिए चुना गया था। उसका डोमिसाइल ऑनलाइन शो नहीं कर रहा था। मोहित शर्मा, बीसलपुर का रहने वाला है। उसका उड़ीसा में ट्रेनिंग के लिए चयन हुआ था। उसने मेरठ के आंनद पब्लिक स्कूल हिंदू साहित्य सम्मेलन से पढ़ाई की है लेकिन डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन में उसकी डेट ऑफ बर्थ गलत पायी गई है।

डोमिसाइल इंटरनेट पर शो नहीं हुए

इसी तरह से अरूण कुमार बिसौली बदायूं का रहने वाला है। उसे नासिक के लिए ट्रेनिंग पर जाना था। उसका डोमिसाइल आनलाइन वैरीफाई नहीं हुआ है। उसने मेरठ से स्टडी की है। वर्ष ख्000 में मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाया था। सनी देओल, दावरिया, पकडि़या बीसलपुर का रहने वाला है। उसके पिता पेपर मिल में जॉब करते हैं। उसे एमपी में ट्रेनिंग के लिए चुना गया था। उसके भी एजुकेशन डॉक्यूमेंट में डेथ आफ बर्थ में आनलाइन शो नहीं हुई है। अमर यादव, हिदायतपुर लखीमपुर खीरी का रहने वाला है। उसका भी डोमिसाइल इंटरनेट पर शो नहीं हुआ। उसने उन्नाव से स्टडी की है।

लखीमपुर के सभी डोमिसाइल पाए गए फर्जी

सुमित कुमार, गुडि़याबाग लखीमपुर खीरी का रहने वाला है। उसका डोमिसाइल ऑनलाइन शो नहीं हुआ है। राहुल सिंह, भी शांतिनगर लखीमपुर खीरी का रहने वाला है। उसके भी डोमिसाइल आनलाइन नहीं शो हुआ। सचिन कुमार वारीपुरा बिसौली, बदायूं का रहने वाला है। उसने ख्009 का डोमिसाइल बनवाया था लेकिन आनलाइन कोई रिकार्ड नहीं मिला। उसने गाजियाबाद से स्टडी की है। श्याम सिंह गोकुलपुरी लखीमपुर का रहने वाला है। उसकी किसी ने शिकायत की थी कि उसने फर्जी निवास प्रमाण पत्र भर्ती में लगाया है। इसके अलावा प्रमोद यादव के डॉक्यूमेंट में भी गड़बड़ी पायी गई है।

विश्वेंद्र सिंह ने दिए दलाल काे तीन लाख

एक दर्जन कैंडिडेट में विश्वेंद्र सिंह ने दलाल के संपर्क में आकर फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाए थे। सेना की पूछताछ में भी उसने यह स्वीकार किया है। विश्वेंद्र ने बताया कि वह गढ़ी सहला, आगरा का रहने वाला है। सेना में आगरा के कैंडिडेट की भर्ती नहीं हुई थी। सेना में भर्ती के लिए उसने मीरगंज का फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाया था। वैरीफिकेशन में फर्जी डॉक्यूमेंट पकड़ में आ गया। फर्जी डॉक्यूमेंट के लिए विश्वेंद्र ने दलाल से संपर्क किया था। उसका फ् लाख में सौदा तय हुआ था। उसने दो लाख रुपये पहले दिए थे और एक लाख रुपये भर्ती होने के बाद देने का तय हुआ था। सेना की इंटेलीजेंस ने दलाल का नाम और पता निकाल लिया है। पुलिस के साथ मिलकर उसकी तलाश की जा रही है।

क्या सिस्टम की कमी की वजह से पाए गए फर्जी

पुलिस गिरफ्त में आए ज्यादातर कैंडिडेट का कहना है कि उनके डॉक्यूमेंट ओरिजिनल हैं लेकिन आनलाइन शो न होने के चलते उन्हें फर्जी घोषित किया गया है। क्या इसका मतलब यह है कि सिस्टम की लापरवाही का खमियाजा है। ज्यादातर डोमिसाइल लखीमपुर खीरी के आनलाइन शो नहीं हुए हैं। हो सकता है कि डोमिसाइल ओरिजिनल बनाए गए हों लेकिन उन्हें आनलाइन अपलोड न किया गया हो।

राहुल सिंह पर टूटा गमों का पहाड़

कैंडिडेट राहुल सिंह पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। जब सेना से काल लेटर ट्रेनिंग के लिए आया तो उसके घर में खुशियां मनायी जा रही थीं लेकिन ये खुशियां कुछ पल के लिए ही थीं। राहुल ने बताया कि ख्क् अगस्त को उसके पिता संजय सिंह की हार्टअटैक से मौत हो गई। उसने सोचा नौकरी के बाद गम कुछ कम हो जाएगा लेकिन डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन में उसका डोमिसाइल आनलाइन शो नहीं हुआ और उसे फर्जी डॉक्यूमेंट पर भर्ती होने के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

सेना ने संपर्क किया था। सीओ थर्ड के साथ मिलकर जांच की गई थी। वैरीफिकेशन में क्ख् कैंडिडेट के डॉक्यूमेंट फर्जी पाए गए हैं। एफआईआर दर्ज सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। दलाल की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी बरेली