-नगर निगम ने शहर में चिह्नित किए हैं 134 जर्जर मकान

-बारिश में खतरा बन कभी भी ढह सकती हैं यह बिल्डिंग्स

GORAKHPUR:

नगर निगम एरिया में कुछ मकान लोगों के लिए डर का माहौल बना रहे हैं। वर्षो से खड़े इन जर्जन मकानों में कुछ की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि करीब से गुजरने वाले लोग भी सतर्क ही रहते हैं। मौसम खराब चल रहा है, ऐसे में बारिश और तेज हवाओं के कारण यदि इनमें से कोई मकान गिरता है तो जान-माल दोनों का भारी नुकसान हो सकता है। लेकिन ताज्जुब है कि ऐसे मकानों को लेकर किसी तरह की सतर्कता नहीं बरती जा रही है। दो साल पहले भुकंप आने के बाद किए गए सर्वे में नगर निगम ने शहरभर में 134 जर्जर मकानों को चिन्हित किया था। इन दिनों फिर सर्वे किया जा रहा है जिसमें आकंड़ों के बढ़ने की ही संभावना है।

किराए के झगड़े में जर्जर हो रहे मकान

दो-तीन दशक से किराएदार बने लोग पुरानी दरों से किराया देते हैं जो बाजार दर से काफी कम होता है। जिन मकानों में यह किराएदार रह रहे होते हैं, समय बीतने के साथ वह कमजोर होते जाते हैं। जब किराएदार ऐसे मकानों के मरम्मत कराने की बात कहता है तो मकान मालिक तैयार नहीं होता क्योंकि वह नहीं चाहता कि किराएदार लंबे समय तक टिका रहे। किराएदार और मकान मालिक की इस टकराहट में मकान लगातार कमजोर होते जाते हैं, जो कई बार दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं।

बारिश में बढ़ जाती हैं दुर्घटनाएं

अक्सर जर्जर मकानों के ढहने का कारण लगातार बारिश होना, तेज आंधियां चलना होता है। इन दिनों बारिश का मौसम होने के कारण अक्सर ही बारिश होती रहती है, जिससे ऐसी दुर्घटनाओं की संभावना को बल मिला है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि पिछली बार चिन्हित किए गए 134 मकानों के मालिकों को नोटिस भेज कर मरम्मत कराने को कहा गया था। हो सकता है कि इस दौरान मकान और भी कमजोर हो गए हों या उनकी संख्या में बढ़ोत्तरी हो गई हो, अगले सर्वे में यह स्पष्ट हो पाएगा।

वर्जन

जर्जर निजी मकानों पर तभी कार्रवाई की जाती है। उसके कारण आसपास के लोगों पर खतरा मंडरा रहा होता है। विवाद की स्थिति में अक्सर नगर निगम नोटिस जारी कर मकान मालिक को मरम्मत कराने या मकान तोड़ने की हिदायत देता है।

- सुरेश चंद, चीफ इंजीनियर, नगर निगम