शम्भूनाथ में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन

ALLAHABAD: शब्दोत्सव 2017 में रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक रचना सुनायी। यह आयोजन शंभूनाथ ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन में किया गया। जिसमें हिन्दी साहित्य सेवा हेतू गीतकार शैलेन्द्र मधुर को साहित्य सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में ग्रुप के सचिव डॉ। केके तिवारी ने कहा कि हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में कवि सम्मेलनों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हिंदी दिवस की पूर्व संध्या परकॉलेज के सभागार में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का प्रारंभ वाणी वंदना के साथ वाराणसी से पधारे प्रख्यात हास्य कवि सलीम शिवालवी ने किया।

उठो जागो जवानों तुम विवेकानंद बन जाओ

अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु उपाध्याय ने हिंदी के परिपे्रक्ष्य में मुक्तक पढ़ छात्रों का दिल जीत लिया। उन्होंने पढ़ा 'मन की गांठों को अब खोलिए तो जरा, अपने रिश्तो में रस घोलिए तो जरा, दूरियां सारी आपस की मिट जाएंगी, आप हिंदी में बस बोलिए तो जराच्। वाराणसी से पधारे भूषण त्यागी एवं रायबरेली से आये हास्य व्यंग के कवि नरकंकाल ने अपनी रचना से जनता को ओतप्रोत कर दिया। डॉक्टर आभा श्रीवास्तव ने पढ़ा समय की ये जरूरत है उबलता छंद बन जाओ, समय का गीत तुम ही हो समय का दर्द बन जाओ, यह दुनिया हो रही बर्बाद भारत एक आशा है, उठो जागो जवानो तुम विवेकानंद बन जाओ। इसके अलावा शायर जावेद शोहरत, युवा शायर शाहिद सफर, डॉक्टर नायाब बलियावी एवं सुनैना त्रिपाठी ने भी अपनी रचनाएं पढ़ीं।