-सोशल मीडिया पर बांध टूटने के मैसेज पर न करें यकीन

-कमिश्नर, डीएम और आपदा विभाग में बनाए कंट्रोल रूम से लें जानकारी

केस-1

शुक्रवार शाम वॉट्सएप पर मैसेज वायरल हुआ कि लहसड़ी और बड़गो बांध टूट गया है। जिला प्रशासन ने चार घंटे का समय दिया है कि लोग कॉलोनियों को खाली कर दें। इससे डरे-सहमे लोगों ने अपने जानने वालों को फोन करना शुरू कर दिया। कुछ लोग तो हकीकत परखने के लिए मौके पर भी पहुंच गए और देर रात तक वहीं जमे रहे।

केस - 2

रविवार रात करीब 8 बजे मैसेज वायरल हुआ कि राप्ती का पानी नौसढ़ बंधे के ऊपर से बह रहा है। प्रशासन ने आसपास के गांव को खाली कराने के लिए दो घंटे का वक्त दिया है। लोग अपने लिए सुरक्षित ठिकाने ढूंढ लें। यह मैसेज वायरल होते ही फिर स्थिति गंभीर हो गई। देर रात तक आपदा कार्यालय के फोन घनघनाते रहे। वहीं, फैमिली और दूसरे रिलेटिव्स के फोन भी आने लगे।

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syedsaim.rauf@inext.co.in

GORAKHPUR: गोरखपुर में बाढ़ की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। नदियां उफान पर हैं और बांधों पर जबरदस्त दबाव है। इससे गोरखपुराइट्सटेंशन में हैं। बांधों के आसपास बसी कॉलोनियों के लोगों की रात की नींद और दिन का चैन उड़ा हुआ है। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर परेशानी को और ज्यादा बढ़ा दे रहा है।

वॉट्सएप पर वायरल

बाढ़ के बाद सबसे ज्यादा दुश्वारियां वॉट्सएप पैदा कर रहा है। लोग न जानते हुए भी वॉट्सएप पर आई फोटोज और वीडियोज के साथ न्यूज को अपने रिलेटिव्स और फ्रेंड्स को फॉरवर्ड कर दे रहे हैं। इस वजह से न सिर्फ उनके फैमिली मेंबर्स परेशान हो रहे हैं, बल्कि अफवाह के चलते लोगों की नींद और सुकून गायब हो जा रही है। हालत यह है कि पिछले दो-तीन दिनों से लोग जाग कर रात गुजार रहे हैं। कुछ घरों में तो रात में भी सोने की पाली तय कर ली गई है, ताकि अगर अचानक पानी आ जाए तो परेशानी से बचा जा सके।

एक घंटे में आई 120 कॉल

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अफवाहों का असर क्या है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कंट्रोल रूम की घंटियां हर पल घनघना रही हैं। रविवार रात को ही नौसढ़ बांध टूटने की जानकारी लेने के लिए महज एक घंटे में 120 से ज्यादा कॉल्स आपदा कंट्रोल रूम में आई। सभी यही जानना चाह रहे थे कि क्या वाकई प्रशासन ने घरों को खाली करने के लिए चार घंटे का वक्त दिया है। जबकि हकीकत में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था।

घबराएं नहीं, करें वेरिफाई

-बाढ़ को लेकर जो सूचनाएं वॉट्सएप या दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहीं है, उसका फौरन विश्वास न करें। प्रिकॉशनरी अपनी तैयारी कर लें।

-वेरिफाई करने के लिए आपदा कार्यालय के साथ डीएम, कमिश्नर और गोरखपुर क्लब में भी बाढ़ राहत और सूचना के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, यहां से जगह की सही जानकारी ली जा सकती है। - अगर कोई सूचना या जरूरत भी है, तो उसे भी इन नंबर्स पर शेयर किया जा सकता है।

इमरजेंसी नंबर्स -

कमिश्नर कंट्रोल रूम - 0551 - 2335238, 2343872

डीएम कंट्रोल रूम - 0551 - 2336005, 2202205

आपदा कार्यालय - 0551 - 2201796

बाढ़ राहत केंद्र - 0551 - 2203220

बॉक्स -

सिविल डिफेंस की लगी ड्यूटी

जनपद बाढ़ से प्रभावित है। इसको देखते हुए डीएम राजीव रौतेला ने इंफॉर्मेशन के आदान-प्रदान के लिए तत्काल प्रभाव से कलेक्ट्रेट के बैठक कक्ष में फ्लड कंट्रोल रूम बनाया है। इसमें सिविल डिफेंस के पदाधिकारियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। इसमें चीफ वार्डेन व उप नियंत्रक, नागरिक सुरक्षा संयुक्त रूप से नियंत्रण कक्ष संचालन के लिए इस तरह से ड्यूटी लगाएंगे कि चार शिफ्ट में 6-6 घ्ाटे की ड्यूटी लगाई जाए। हर शिफ्ट में दो पदाधिकारी तैनात रहेंगे। साथ ही नियंत्रण कक्ष में एक रजिस्टर रखा जाए, जिसमें सूचना का विवरण, निर्गत निर्देशों का विवरण व कार्यवाही के बारे में भी लिखा जाएगा। इसे एडीएम एफआर डेली चेक करेंगे। प्रभारी अधिकारी नजारत/नाजिर सदर, बाढ़ नियंत्रण कक्ष में फोर्थ क्लास एंप्लाई की ड्यूटी भी लगाएंगे।

इनकी भी लगी ड्यूटी -

सुबह 5 से दोपहर एक बजे तक

शैलेष आस्थाना, जिला गन्ना अधिकारी - 7018202248

प्रमोद कुमार सिंह, गन्ना विकास निरीक्षक - 9532103897

दोपहर एक बजे से रात 9 बजे तक -

रंजीत निर्मल, खनन अधिकारी - 9454612613

चन्द्र प्रताप नारायण, सहायक विकास अधिकारी - 8726923386

रात 9 से सुबह 5 बजे तक

मोहम्मद हाशिम इकबाल, अधिशासी अभियंता - 8795810153

अमित कुमार मल्ल, सहायक अभियंता - 8795811697