- दंगे की जांच में किसी के भी बयान ले रहे हैं सीडीओ

- ऐसे लोगों के लिए जा रहे हैं बयान जो मौके पर नहीं थे

Meerut: कोतवाली थाना एरिया के तीरगरान में प्याऊ के अवैध निर्माण को लेकर दंगा हुआ। दंगे में कई लोग घायल हुए और एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई। मामला शासन तक पहुंचा। जहां से इस मामले में मजिस्ट्रेटी जांच कराकर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए। जिसकी जांच सीडीओ को सौंपी गई। जांच के लिए एक नियत समय दिया गया। वह तारीख भी पास में है। खास बात ये कि जांच में रिपोर्ट में उन लोगों बयान भी लिए जा रहे हैं जिनका मौका-ए-वारदात से कोई सरोकार ही नहीं है।

यह था मामला

दस मई क्रांति दिवस के दिन कोतवाली थाना एरिया में प्याऊ के अवैध निर्माण को लेकर दो संप्रदाय आमने-सामने आ गए थे, जहां पथराव और फायरिंग हुई। जिसमें कई लोग घायल हुए। इस दौरान एक उपद्रवी की गोली कागजी बाजार के एक युवक शुभम को लगी थी। जिसमें उसकी ईलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। इस पूरे मामले को शासन स्तर पर संज्ञान में लेते हुए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए थे। जांच रिपोर्ट ख्7 मई तक तैयार करने के निर्देश भी दिए गए।

जांच तय करेगी कार्रवाई

दंगे की मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट शासन को ख्7 मई तक उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जिसमें पुलिस, खुफिया विभाग और दंगाइयों के खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है। खास बात ये कि दंगे के दौरान डीएम नवदीप रिणवा, आईजी आलोक शर्मा, डीआईजी के। सत्यनारायण, एसएसपी आलोक सिंह, एसपी सिटी और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद थे। पूरे मामले की जानकारी इन सभी अधिकारियों को है। इसके बावजूद जांच सीडीओ को सौंपी गई।

इनके बयान का क्या वजूद

मेरठ में इस दंगे की रिपोर्ट सीडीओ तैयार कर रहे हैं। जिसमें वे मौका-ए-वारदात पर मौजूद लोगों को छोड़कर ऐसे लोगों के बयान दर्ज कर रहे हैं जिनका इस दंगे से दूर-दूर तक लेना-देना नहीं है। उनको मौके की जानकारी नहीं है। मानों यह जांच रिपोर्ट नहीं बल्कि एक औपचारिकता है। दंगा स्थल के आसपास लोगों से जब पूछा गया कि क्या तुमसे दंगे के बारे में जानकारी ली गई। तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। उनका कहना है कि कोई सीडीओ उनके पास नहीं पहुंचा।

ऐसे तैयार हो रही है रिपोर्ट

जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट लोगों के द्वारा बनाई गई क्लीपिंग, अखबारों में छपी जानकारी और कुछ लोगों से पूछताछ करके तैयार की जा रही है। वहीं इस शासन के आदेश पर लखनऊ और आगरा की एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री) की संयुक्त टीम डायरेक्टर डॉ। एसएन उपाध्याय के नेतृत्व में मेरठ पहुंची थी। यह टीम भी घटना स्थल मिट्टी समेटकर चली गई। वहीं एसएसपी और अन्य अधिकारियों का कहना है कि अगर सीडीओ इस मामले में कोई जानकारी चाहते हैं तो उनको उपलब्ध करा दी जाएगी। बाकी जांच उनके हाथ में है वे क्या करते हैं। इनकी रिपोर्ट ही कार्रवाई तय करेगी।