- सिटी के कई एरियाज में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे ब्वॉयज व ग‌र्ल्स हॉस्टल

- संचालक लगा रहे नगर निगम को करोड़ों का चूना

GORAKHPUR: सिटी में इन दिनों बगैर रजिस्ट्रेशन हॉस्टल संचालन का कारोबार तेजी से फैल रहा है। रिहायशी एरियाज में फल-फूल रहे इस कारोबार से जहां मकान मालिकों को हजारों-लाखों का फायदा है। वहीं, नगर निगम को करोड़ों का चूना लग रहा है। सूत्रों की मानें तो नगर निगम के हल्का जेई की मिलीभगत से ये खेल चल रहा है।

35 से ज्यादा अवैध हॉस्टल

सूत्रों के मुताबिक सिटी के विभिन्न एरियाज में करीब 35 से ज्यादा अवैध ब्वॉयज और ग‌र्ल्स प्राइवेट हॉस्टल संचालित हो रहे हैं। गोरखपुर के आसपास से आने वाले स्टूडेंट्स को इनसे हॉस्टल की सुविधा आसानी से मिल जाती है। इन हॉस्टलर्स से प्रति माह 3-4 हजार रुपए कमाने वाले हास्टल संचालकों को 70-80 रुपए प्रतिमाह की सीधे कमाई होती है। लेकिन इनकी इस कमाई का एक भी हिस्सा कॉमर्शियल टैक्स के रूप में नगर निगम को नहीं मिल पा रहा। वजह है कि इन लोगों ने नगर निगम से हॉस्टल का रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया है। जबकि नियमानुसार, प्रत्येक हॉस्टल संचालक को रजिस्ट्रेशन कराकर उसका टैक्स जमा करना अनिवार्य है।

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करीब तीन करोड़ का हो रहा कारोबार

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने जब सिटी के कुछ एरियाज में हॉस्टल्स का जायजा लिया तो पता चला कि एक कमरे में दो-दो स्टूडेंट्स को शिफ्ट किया जाता है। जिसका प्रतिमाह 3500 रुपए चार्ज किया जाता है। चार्ज भी लोकेशन के हिसाब से सेट है। अगर किसी हॉस्टल संचालक के पास 10 कमरे हैं तो सीधे 70,000 रुपए प्रतिमाह की कमाई आसानी से हो जाती है। इस तरह औसतन सिटी के 35 अवैध हॉस्टल्स से अगर 70,000 की कमाई होती है तो सीधे तौर पर 24,50,000 प्रतिमाह का कारोबार ये हॉस्टल प्रतिमाह कर रहे हैं। जबकि एक साल में ये कमाई 2,94,00,000 की होती है। यूपी बोर्ड रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद इधर स्टूडेंट्स मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए गोरखपुर सिटी का रुख कर रहे हैं जिससे हॉस्टल संचालकों की बहार आई हुई है।

इन एरिया में चल रहे अवैध हॉस्टल

- बिलंदपुर

- असुरन चौक

- राप्तीनगर

- रुस्तमपुर

- बेतियाहाता

- सिविल लाइंस

- कूड़ाघाट

- खोराबार

क्या- क्या देते हैं सुविधा

- कमरे में चौकी, पंखा, टॉयलेट की सुविधा के अलावा पार्किग की सुविधा। आने-जाने का रहता है टाइम फिक्स।

- शाम 7 बजे से पहले आने का होता है टाइम निर्धारित।

- मिलने वालों के लिए मेन गेट पर रखा रहता है रजिस्टर।

वर्जन

सिटी में अवैध हॉस्टल चलने की शिकायत मेरे संज्ञान में है। इसके लिए जियो निकलवाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कामर्शियल टैक्स के रूप में वसूली के लिए अभियान भी चलाया जाएगा।

प्रेम प्रकाश सिंह, नगर आयुक्त, जीएमसी