कानपुर के चकेरी इलाके में एक बहुमंजिला बिल्िडंग का निर्माण चल रहा था। बताया जाता है कि यह बिल्िडंग सपा के वरिष्ठ नेता मेहताब आलम की है। बिल्डिंग की छठी मंजिल का स्लैब ढाला जा रहा था और काफी संख्या में मजदूर यहां काम कर रहे थे। उसी दौरान ये पूरी बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर गई। घटना के बाद मची अफरातफरी के बीच बिल्डिंग के मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए अभियान शुरु हुआ। इस काम में आर्मी के साथ साथ राजधानी लखनऊ से बुलाई गई NDRF की टीम भी बचाव के काम में लगी हुई है।
हादसे में घायल लोगों को कांसीराम ट्रामा सेंटर और हैलट अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। हादसे में किसी का पति गुजर चुका है तो किसी का बेटा हजारों टन वजन के नीचे दबा है। कुछ मजदूरों के परिवार उसी बिल्डिंग में रह भी रहे थे। इस कारण बच्चे भी हादसे का शिकार हुए हैं।
बिल्डिंग गिरने के हादसे में 12 मजदूरों को बचा लिया गया है, हालांकि अब भी 50 से ज्यादा लोगों की मलबे में दबे होने की आशंका है। आसपास रहने वालों का कहना है कि बिल्डिंग के अलग अलग स्लैब को सूखने का पर्याप्त समय दिए बिना जल्दबाजी में नए फ्लोर बनाए जाने के कारण ही यह हादसा हुआ है।
हादसे में बच गए लोग भगवान का धन्यवाद ही दे रहे हैं कि छोटी मोटी चोट के बावजूद वो सही सलामत हैं। कानपुर के डीएम कौशल राज शर्मा का कहना है कि बिल्डिंग के मलबे में से घायलों को निकालने का काम रात भर जारी रहेगा। इसके अलावा इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार है, जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी।
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कानपुर में हुए इस बड़े हादसे के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने टि्वीट करके घटना पर शोक जताया है।
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