पिथौरागढ़ में 400 तक

चीफ सेक्रेटरी सुभाष कुमार व एनडीएमए के मेंबर वीके दुग्गल के अनुसार बद्रीनाथ में फंसे स्थानीय लोगों के अलावा टेंपल कमेटी के कर्मचारी व अधिकारी, पंडा समाज के लोग व बाकी विभागों के अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं। जिन्हें निकालने के लिए एमआई-17 और प्राइवेट हेलीकॉप्टर तैयार हैं, लेकिन मौसम के कारण उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में दिक्कत हो रही है। सीएस ने स्पष्ट किया है कि बद्रीनाथ में फंसे लोगों को फिलहाल किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। पिथौरागढ़ में भी कैलाश मानसरोवर के यात्रियों के अलावा 300-400 तक लोकल लोग तमाम इलाकों में फंसे हुए हैं, जबकि एक हजार से ज्यादा लोगों को निकाला जा चुका है। सीएस ने कहा कि यहां के लिए भी एमआई 17, एयरवेज व प्राइवेट पांच हेलीकॉप्टर तैयार हैं। जैसे ही मौसम खुलेगा, फंसे लोगों व यात्रियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया जाएगा।

140 गांवों में आपदा के दिन से बिजली नहीं

सीएस ने स्पष्ट किया है कि 3758 गांवों में से अब भी 140 गांव ऐसे हैं, जहां आपदा के कारण पावर सप्लाई नहीं हो पाई है। रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ के ये गांव शामिल हैं। 968 गांवों में से 56 गांवों में अभी भी पीने को पानी आपदा के कारण नहीं पहुंच पाया है। दावा है कि 10 जुलाई तक यहां पीने का पानी मुहैया हो जाएगा। जबकि 401 ऐसे इलाके हैं, जहां सड़कें खुल नहीं पाई है। यहां मार्ग अभी तक बाधित हैं। लेकिन 31 जुलाई तक इन इलाकों में मार्ग खुल जाने का भरोसा दिलाया गया है।