म्योराबाद कॉलोनी में कई लोगों को बंदरों ने किया घायल, दहशत में हैं लोग

सड़कों पर चलना व छतों पर बैठना भी बंदरों ने किया मुहाल, बच्चे भी सहमें

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ALLAHABAD: शहर के म्योराबाद कॉलोनी में रहने वाले दर्जन से अधिक परिवार इन दिनों खौफ में हैं। उनमें यह खौफ किसी बदमाश या अपराधी का नहीं, बल्कि खूंखार हो चुके बंदरों का है। इधर 10 से 15 दिन के अंदर वे बंदर कई लोगों पर अटैक कर चुके हैं। दहशतजदा लोगों ने बंदरों के उत्पात की शिकायत कई दफा अफसरों व जनप्रतिनिधियों से की। किसी ने भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। आलम यह है कि अब छतों पर जाने में भी डरने लगे हैं। गर्मी में रात के समय लाइट कटने पर भी वे घर के अंदर कैद रहने को मजबूर हैं।

कॉलोनी के बच्चे भी सहमे

कॉलोनी के लोगों की मानें तो सड़क पर चलने वालों के हाथ से वे बंदर सामान छीन कर फरार हो जाते हैं। विरोध पर वे अटैक भी कर देते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों पर भी वे कई मर्तबा अटैक कर चुके हैं। बच्चे पानी के बोतल को छिपा कर घरों से निकलते हैं। घरों की छतों पर रखी पानी की टंकियों का ढक्कन खोल कर वे तोड़ डालते हैं। सुखाने के लिए छतों पर धूप में डालने गए कपड़ों को भी वे फाड़ डालते हैं। स्थिति यह है कि छतों पर कोई सामान रखना बंदरों ने मुश्किल कर दिया है। कुछ दिन पहले छत से कपड़ों को हटाने गई रेखा के बंदर ने अटैक कर दिया था। बंदर ने हाथ में काट कर उसे घायल कर दिया था। कॉलोनी के राजू, अरविंद, गौरव, कमल व सतीश ने बताया कि बंदरों के आतंक से लोग दहशत में हैं। कॉलोनी वासियों ने जिला प्रशासन व वन विभाग के अफसरों ने उन बंदरों पर अंकुश लगाने की मांग की है।

कॉलोनी में रहने वाले लोग बंदर के आतंक से परेशान हैं। सभासद, जिला प्रशासन व स्थानीय विधायक से भी गुहार लगाई गई। किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब तक दर्जनों लोगों बंदर काट चुके हैं।

योगेन्द्र पांडेय

हाल ही में मुझे बंदर ने काट लिया था। शोर मचाने पर लोगों ने किसी तरह उससे मेरा पीछा छुड़ाया। घर की छत से लेकर गेट के बाहर तक निकलने में लोगों को डर लगने लगा है।

सरवरी बेगम,

आए दिन किसी न किसी को वे बंदर काट रहे हैं। मेरे भी हाथ में काट लिया है। कई लोगों से मदद की गुहार लगाई गई। मगर किसी ने हम सब की समस्या को नहंी सुना। क्या बच्चे और बड़े सभी बंदरों के आंतक से डरे हुए हैं।

कमला पांडेय

सुबह के समय स्कूल जाने में काफी डर सा लगा रहता है। रास्ते में किसी समय बंदर हमला कर दें, यह कहना मुश्किल हो गया है। बंदर कई लोगों को जख्मी कर चुके हैं। इससे लोग काफी डरे और सहमे हुए हैं।

सार्थक तिवारी