-शादी अनुदान में सभी 81 मुस्लिम समुदाय के हैं

-पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में सिर्फ एक बौद्ध धर्म का छात्र शामिल

 

VARANASI : अल्पसंख्यकों के लिए सरकार की तमाम योजनाएं चलायी जा रही हैं। लेकिन इसका लाभ हर किसी को नहीं मिल रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति, शादी अनुदान, स्कूल एवं छात्रावास आदि योजना के लाभार्थियों की सूची में जैन, बौद्ध, पारसी और सिख लगभग नजर ही नहीं आते हैं। मुस्लिम समुदाय की उपस्थिति अच्छी रहती है। ऑनलाइन और जागरूकता के बाद भी इन वर्गो की गैरहाजिरी चिंताजनक है।

 

शादी अनुदान योजना

इस योजना योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के गरीबी रेखा (वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 46 हजार और शहरी क्षेत्र में 56 हजार) से नीचे जीवन यापन करने वाले अभिभावकों की बेटी की शादी के लिए 20 हजार आर्थिक सहायता दी जाती है। अधिकतम दो पुत्रियों को दिया जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 156 लाभार्थियों को 31 लाख बीस हजार रुपये अनुदान दिया गया था। वर्तमान वित्तीय वर्ष में दिसम्बर तक 81 कन्याओं की शादी के लिए अनुदान दिया गया। लाभार्थियों की सूची में सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। अन्य अल्पसंख्यक जैन, पारसी, बौद्ध और सिख नहीं हैं।

 

पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना

इस योजना के तहत जिनके परिवार की वार्षिक आय दो लाख से अधिक न हो, उन छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए अनुदान दिया जाता है। गत वित्तीय वर्ष में हाईस्कूल के 1975 छात्र-छात्राओं के खाते में 41.92 लाख की धनराशि पीएफएमएस के जरिए निदेशालय से जमा की गई। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सितम्बर तक कुल 857 छात्र-छात्राओं के खाते में धनराशि 18 लाख 47 हजार 250 भेजी गयी। लाभार्थियों की सूची में एक बौद्ध बाकी सभी मुस्लिम हैं।

 

दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना

इस योजना में इंटरमीडिएट और स्नातक के स्टूडेंट्स को अनुदान मिलता है। गत वित्तीय वर्ष में इंटरमीडिएट 2194 के छात्र-छात्राओं के खाते में 57.52 लाख और स्नातक के 4929 छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में 452.02 लाख की धनराशि भेजी गयी। वित्तीय वर्ष के सितम्बर तक 105 छात्र-छात्राओं के खाते में 3 लाख 29 हजार 837 रुपए भेजे गए। इस योजना के लाभार्थियों में सिर्फ मुस्लिम ही हैं।

अन्य में भी संख्या शून्य

प्री-मैट्रिक, मेरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति, केंद्र पुरोनिधानित मदरसा आधुनिकीकरण योजना, हज संबंधी, आईटीआई योजना, स्कूल भवन एवं छात्रावास की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता, वक्फ संबंधी योजना के गत वित्तीय वर्ष के लाभार्थियों में पांच अल्पसंख्यक समुदाय की स्थिति शून्य हैं।

 

 

हमारे विभाग की टीम अल्पसंख्यक समुदाय को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देती है। उनके प्रतिनिधियों से बात की जाती है, लेकिन मुस्लिम ही योजनाओं का लाभ लेने आते हैं। सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध समुदाय से आवेदन आता ही नहीं। अगर 2011 की जनगणना की बात करें तो इन समुदाय की जनसंख्या मुस्लिमों से बहुत कम है।

-रमेशचंद्र, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी