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नंबर गेम

शहर की कुल आबादी- 13 लाख

किराएदार- 03 लाख

पुलिस वैरिफिकेशन- एक भी नहीं

- बिना पुलिस वेरीफिकेशन के शहर में रह रहे हैं लाखों किराएदार

- भारत-नेपाल व बिहार की खुली सीमा से गोरखपुर बना संदिग्धों का हब

- भोपाल ब्लास्ट व लखनऊ एनकाउंटर के बाद सूबे भर में अलर्ट

utkarsh.srivastava@inext.co.in

GORAKHPUR: अगर आपने भी अपने घरों में बिना कोई जानकारी मांगे किराएदार रखे हैं तो होशियार हो जाइए। जिस तरह से आए दिन संदिग्ध मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए आप खुद के साथ-साथ पूरे शहर के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। हमारा इरादा आपको डराने का नहीं, बल्कि आपको आगाह करने का है। वजह, गोरखपुर में किराएदारों का वैरिफिकेशन कागजों तक में नहीं होता।

इसलिए चिंता की बात

गोरखपुर जैसे शहर में किराएदारों का वैरिफिकेशन न होना अपने आप में चिंता का विषय है। इसकी कुछ खास वजहें हैं।

1- यह शहर नेपाल व बिहार से विभिन्न खुले रास्तों से जुड़ा हुआ है।

2- नेपाल के रास्ते भारत में आतंकियों की घुसपैठ पहले भी हो चुकी है।

3- हाल ही में शमसुल होदा और उससे पूर्व में यासीन भटकल की गिरफ्तारी नेपाल बॉर्डर से हो चुकी है।

4- गोलघर में 22 मई 2007 को सीरियल ब्लास्ट भी हो चुका है।

5- एनईआर का हेडक्वॉर्टर, रेल हादसों से पड़ सकता है असर।

सीमावर्ती क्षेत्रों पर टिकी निगाहें

लखनऊ एनकाउंटर के बाद यूपी एटीएस व खुफिया एजेंसियां पूरी तरह चौकन्नी हो गई हैं। एटीएस अधिकारियों व खुफिया सूत्रों के मुताबिक अब इनकी निगाहें गोरखपुर सहित आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों में टिक गई हैं। इसके लिए सीमावर्ती इलाकों में भी अभियान चलाकर स्लीपर सेल का पता लगाया जा रहा है।

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खंगाली जा रही कुंडली

गोपनीय सूत्रों के मुताबिक यूपी एटीएस की टीम व खुफिया एजेंसियां गोरखपुर सहित आसपास के एरिया में छिपे संदिग्धों की तलाश कर रही हैं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार यहां के ऐसे लोगों की भी कुंडली खंगाल रही हैं, जो रातोंरात रईस हो गए हैं।

वर्जन

जिले ही नहीं, जोन में अलर्ट जारी है। डिफरेंट पब्लिक प्लेसेज पर नजर रखी जा रही है। जोन के सभी कप्तानों को निर्देश दिया गया है कि किराए पर रहने वाले यंग लड़कों का वैरिफिकेशन कराएं। मकान मालिक भी इसमें पुलिस का सहयोग करें।

-मोहित अग्रवाल, आईजी गोरखपुर जोन

लखनऊ में एनकाउंटर में मारे गए सैफुल्लाह के पास से मिले डॉक्यूमेंट्स और डायरियों से अहम जानकारियां मिली हैं। इनके आधार पर प्रदेश भर में छिपे संदिग्धों की तलाश जारी कर दी गई है।

-असीम अरुण, आईजी यूपी एटीएस