सिटी का नक्शा बिगाडऩे वालों की अब खैर नहीं है। केडीए बोर्ड की मीटिंग में पिछले साल पास हुए मैप, पास नहीं हुए मैप, ‘टू डिमॉलिश’ के बेस पर पास किए गए मैप की डिटेल और उनकी मौके पर जाकर जांच किए जाने का डिसीजन हुआ है। जिससे केडीए की एनफोर्समेंट टीम के इम्प्लाइज व ऑफिसर्स डरे-सहमे हुए हैं कि जांच रिपोर्ट से उनकी सारी कलई खुलकर सामने आ जाएगी. 
50 इंजीनियर फंसे
केडीए इम्प्लाइज की मिलीभगत से सिटी में जमकर अवैध निर्माण हुआ। मैप पास कराए बगैर ऊंची-ऊंची इमारतें बनाई जाती रहीं, इन बिल्डिंग्स को बनाने में कई -कई साल लग गए हैं लेकिन इस बीच केडीए की एनफोर्समेंट टीम ने रोकने या टोकने की कोशिश नहीं की। जिससे संकरी-संकरी गलियों में भी हाईराइज बिल्डिंग्स बन गईं, जिससे वहां ड्रेनेज, सीवेज जाम और जैसी समस्या खड़ी हो गई है। पार्किंग न होने के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या भी हो गई। अवैध निर्माण की शिकायतों के शासन द्वारा कराई जांच के घेरे में लगभग 50 इंजीनियर हैं. 
बोर्ड मीटिंग में भी गूंजा मामला
इधर केडीए बोर्ड की मीटिंग में नक्शा पास किए जाने में पब्लिक को परेशान करने, अवैध निर्माण होने, टू डिमालिश के नाम पर खानापूरी का मामला गूंजा। काफी हद तक ये सही भी है। केडीए सोर्सेज के मुताबिक हर महीने 800 से 100 लोग मैप पास कराने के लिए केडीए में जमा करते हैैं। लेकिन पिछले साल एवरेज हर महीने 30 मैप पास किए गए। इससे पहले यानि 2011 में तो स्थिति और भी खराब थी। एक साल में केवल 243 मैप ही पास किए गए। इससे साफ है कि केडीए में मैप कराना लोहे के चने चबाना जैसा है। इसी महीने केडीए के ऑफिसर्स की निगरानी में 5 सितंबर से आयोजित की गई तीन दिवसीय मैप कोर्ट में इसका खुलासा भी हुआ। केवल 3 दिन में 185 लोगों ने मैप पास कराने के अप्लीकेशन दी। इन तीन दिनों में ही 75 से अधिक मैप पास भी हो गए। मैप कोर्ट का ये हाल खुद गवाही दे रहा है कि अगर मैप पास कराने में परेशान न किया जाए तो इतनी अधिक संख्या में अवैध निर्माण न होते.

-पिछले पांच साल में पास हुए मैप, अस्वीकृत हुए मैप, ‘टू बी डिमालिश’ के बेस पर पास हुए नक्शों की डिटेल तैयार की जा रही है- आशीष शिवपुरी, टाउन प्लानर   
2011 में पास हुए मैप- 243
2012 में पास हुए मैप- 356
2013 में जुलाई तक पास हुए मैप- 259
-हर महीने मैप पास कराने के लिए अप्लीकेशन आती है- 80 से 100
- हर महीने नई बिल्डिंग बनना शुरू होती है- 200
केडीए बोर्ड की मीटिंग में लिए गए डिसीजन
-पिछले 5 साल में जो मैप पास किए गए है, उनकी लिस्ट केडीए बोर्ड मेंबर्स को दी जाए.
- पिछले 5 साल में टू बी डिमालिश के बेस पर पास किए गए मैप की डिटेल, मौके पर जांच की जाए कि अवैध हिस्सा गिराया गया या नहीं
- पिछले पांच साल में अस्वीकृत किए गए मैप की जगह पर जाकर जांच, कंस्ट्रक्शन हुआ या नहीं. 
5, 6 व 7 सितंबर को हुई मैप कोर्ट का हाल
अप्लीकेशन आई-- 185
पास हुए मैप ---    75

सिटी का नक्शा बिगाडऩे वालों की अब खैर नहीं है। केडीए बोर्ड की मीटिंग में पिछले साल पास हुए मैप, पास नहीं हुए मैप, ‘टू डिमॉलिश’ के बेस पर पास किए गए मैप की डिटेल और उनकी मौके पर जाकर जांच किए जाने का डिसीजन हुआ है। जिससे केडीए की एनफोर्समेंट टीम के इम्प्लाइज व ऑफिसर्स डरे-सहमे हुए हैं कि जांच रिपोर्ट से उनकी सारी कलई खुलकर सामने आ जाएगी. 

50 इंजीनियर फंसे

केडीए इम्प्लाइज की मिलीभगत से सिटी में जमकर अवैध निर्माण हुआ। मैप पास कराए बगैर ऊंची-ऊंची इमारतें बनाई जाती रहीं, इन बिल्डिंग्स को बनाने में कई -कई साल लग गए हैं लेकिन इस बीच केडीए की एनफोर्समेंट टीम ने रोकने या टोकने की कोशिश नहीं की। जिससे संकरी-संकरी गलियों में भी हाईराइज बिल्डिंग्स बन गईं, जिससे वहां ड्रेनेज, सीवेज जाम और जैसी समस्या खड़ी हो गई है। पार्किंग न होने के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या भी हो गई। अवैध निर्माण की शिकायतों के शासन द्वारा कराई जांच के घेरे में लगभग 50 इंजीनियर हैं. 

बोर्ड मीटिंग में भी गूंजा मामला

इधर केडीए बोर्ड की मीटिंग में नक्शा पास किए जाने में पब्लिक को परेशान करने, अवैध निर्माण होने, टू डिमालिश के नाम पर खानापूरी का मामला गूंजा। काफी हद तक ये सही भी है। केडीए सोर्सेज के मुताबिक हर महीने 800 से 100 लोग मैप पास कराने के लिए केडीए में जमा करते हैैं। लेकिन पिछले साल एवरेज हर महीने 30 मैप पास किए गए। इससे पहले यानि 2011 में तो स्थिति और भी खराब थी। एक साल में केवल 243 मैप ही पास किए गए। इससे साफ है कि केडीए में मैप कराना लोहे के चने चबाना जैसा है। इसी महीने केडीए के ऑफिसर्स की निगरानी में 5 सितंबर से आयोजित की गई तीन दिवसीय मैप कोर्ट में इसका खुलासा भी हुआ। केवल 3 दिन में 185 लोगों ने मैप पास कराने के अप्लीकेशन दी। इन तीन दिनों में ही 75 से अधिक मैप पास भी हो गए। मैप कोर्ट का ये हाल खुद गवाही दे रहा है कि अगर मैप पास कराने में परेशान न किया जाए तो इतनी अधिक संख्या में अवैध निर्माण न होते।

-पिछले पांच साल में पास हुए मैप, अस्वीकृत हुए मैप, ‘टू बी डिमालिश’ के बेस पर पास हुए नक्शों की डिटेल तैयार की जा रही है- आशीष शिवपुरी, टाउन प्लानर   

2011 में पास हुए मैप- 243

2012 में पास हुए मैप- 356

2013 में जुलाई तक पास हुए मैप- 259

-हर महीने मैप पास कराने के लिए अप्लीकेशन आती है- 80 से 100

- हर महीने नई बिल्डिंग बनना शुरू होती है- 200

केडीए बोर्ड की मीटिंग में लिए गए डिसीजन

-पिछले 5 साल में जो मैप पास किए गए है, उनकी लिस्ट केडीए बोर्ड मेंबर्स को दी जाए.

- पिछले 5 साल में टू बी डिमालिश के बेस पर पास किए गए मैप की डिटेल, मौके पर जांच की जाए कि अवैध हिस्सा गिराया गया या नहीं

- पिछले पांच साल में अस्वीकृत किए गए मैप की जगह पर जाकर जांच, कंस्ट्रक्शन हुआ या नहीं. 

5, 6 व 7 सितंबर को हुई मैप कोर्ट का हाल

अप्लीकेशन आई-- 185

पास हुए मैप ---    75