यहां से हुई मानसून की शुरुआत

बीते साल, मानसून 6 जून को पहुंचा। ये मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी से एक दिन ज्यादा और अपनी सामान्य तारीख से भी पांच दिन आगे बढ़कर था। वहीं ये मौसम ठीक-ठाक बारिश के साथ खत्म हुआ। इस साल मानसून ने 5 जून को केरल से अपना सफर शुरू कर दिया है। उम्मींद से पांच दिन बाद इसका आगमन हुआ। इसी के साथ दक्षिण पश्चिम मानसून ने अगले ही दिन पूर्वोत्तर भारत को कवर कर लिया।

13 जून को मानसून पहुंचा यहां

प्रारंभिक चरण में भारत के अंदरूनी प्रायद्वीपीय में इसकी गति कुछ सुस्त रही। हालांकि, मानसून अभी चक्रवाती तूफान के रूप में अशोभा के भारतीय तट से दूर जाने के बाद और भी ज्यादा ताकत में आएगा। 13 जून तक मानसून ने पूरे तटीय महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को भिगो दिया है। इसके आगे 14 जून को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने महाराष्ट्र, दक्षिण गुजरात, मध्य और दक्षिण मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दक्षिण ओडिशा के कुछ हिस्सों को बारिश से भिगोया। इसने उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल को भी कवर कर लिया।

यहां से बढ़ा मानसून आगे

15 जून को भारी बारिश के साथ पश्चिमी तट जैसे मुंबई, कर्नाटक में होनावर और गोवा में पणजी में बारिश हुई। पूर्वी तट पर तेलंगाना और रायलसीमा क्षेत्र पर भी भारी बारिश दर्ज की गई। पूर्वी और मध्य भारत में भी कई जगह पर प्री-मानसून की भारी बारिश बताई गई। ये आगे आने वाले मानसून की बेहतर स्थिति को दर्शा रहा है। 16 जून को गुजरात, मध्य मध्यप्रदेश, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में अच्छी बारिश्ा हुई। ये विशेष रूप से तटीय कर्नाटक के ऊपर पश्चिमी तट, कोंकण गोवा और तटीय महाराष्ट्र पर अभी भी एक्टिव हो रहा है। दक्षिण गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी मध्यम बारिश हुई।

17 के बाद यहां होगी बारिश

17 जून को वैज्ञानिकों ने इसके कोलकाता की ओर रुख करने की उम्मींद जताई। अगले दो दिनों में भुवनेश्वर में भी भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। इसके बाद अगर सबकुछ सही रहा तो हफ्ते के अंत तक मानसून पूरे उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के हिस्सों को कवर कर लेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में अब इंतजार के कुछ ही पल बाकी रह गए हैं। यहां 19 से 21 जून के बीच गांधीनगर, अहमदाबाद और वडोदरा में बारिश होने की संभावना है।  

जैसलमेर और बाड़मेर होंगे आखिरी पड़ाव

इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और वाराणसी में 20 से 22 तारीख के बीच बारिश होने की उम्मींद है। इसके बाद लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद में बारिश के लिए 22 से 24 जून तक का इंतजार करना होगा। इसके बाद उत्तर की ओर अपना रुख करते हुए मानसून उत्तराखंड के मसूरी, देहरादून और नैनीताल में पहुंचकर बारिश कराएगा। यहां 28 से 30 जून के बीच बारिश शुरू हो सकती है। 2 से 4 जुलाई के बीच राजस्थान के जयपुर और कोटा में बादल बरसेंगे। इसके बाद बारी आएगी पंजाब, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान की। ये मानसून का आखिरी पड़ाव होगा। यहां 3 से 15 जुलाई तक बारिश की संभावना है। चंडीगढ़, श्रीनगर, अमृतसर और जम्मू में 3 से 5 जुलाई तक मानसून के पहुंचने की उम्मींद है। इसके बाद जोधपुर में पश्चिमी राजस्थान और बीकानेर के उत्तर पश्चिम इलाके में 7 से 9 जुलाई के बाद बारिश होगी। जैसलमेर और बाड़मेर मानसून का सबसे आखिरी पड़ाव होगा, जो 10 से 15 जुलाई के बीच भीगेगा और यहां से मानसून पूरे देश को कवर करते हुए अगले साल तक के लिए अलविदा कह जाएगा।

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