मर्जी से बढ़ा देते हें fare

पुलिस लाइन में 4 बजे से मीटिंग स्टार्ट हुई। इसमें सभी एसोसिएशन के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मीटिंग में

सबसे पहले बच्चों की सेफ्टी की बात शुरु हुई। सभी के अपने अलग-अलग सुझाव रखे गए। पेरेंटस एसोसिएशन की तरफ

से शिकायत की गई कि आटो-टैंपो व अन्य व्हीकल्स में बच्चों की जान को खतरे में डालकर ले जाया जाता है। अगर

सेफ्टी की बात करते हैं तो व्हीकल्स किराए बढ़ा देते हैं। यही नहीं हड़ताल कर दी जाती है जिससे पेरेंटस व बच्चों दोनों

को प्रॉब्लम होती है। यह भी कहा कि सिटी में 70 परसेंट आटो अवैध हैं इसलिए हड़ताल की गई।

कमाई के चलते खतरे में जान

वहीं स्कूल्स एसोसिएशन की तरफ से भी बच्चों की सेफ्टी की बात ही कही गई। उन्होंने कहा कि स्कूल्स नहीं चाहते कि

किसी बच्चे की सेफ्टी खतरे में पड़े। लेकिन पेरेंटस अपने पैसे बचाने के चलते ओवरलोडिंग व एलपीजी लगे व्हीकल्स में

अपने बच्चों को स्कूल में भेज देते हैं। इसके अलावा जिन व्हीक्लस में बच्चे बैठकर जाते हैं उनके ओनर या ड्राइवर कमाई

के चक्कर में बच्चों कैपसिटी से ज्यादा बैठाकर लाते हैं। स्कूल्स एसोसिएशन की तरफ से कहा गया कि वो खुद चेकिंग

करेंगे कि किस व्हीकल्स में कितने बच्चे बैठकर आ रहे हैं। सभी बच्चे स्कूल्स के अंदर से ही व्हीकल्स में बैठकर जाएंगे।

इसके अलावा जिन स्कूल्स में जगह नहीं है उनके बाहर लाइन में व्हीकल्स खड़ा कर ही बच्चे बैठाये जाएंगे।

महंगाई में गुजारा मुश्किल

आटो-टैंपो व अन्य व्हीक्लस एसोसिएशन की तरफ से बात उठी कि महंगाई बढऩे के बावजूद भी उन लोगों ने अभी तक

किराया नहीं बढ़ाया है। वो भी नहीं चाहते हैं कि बच्चों की जान खतरे में पड़े। सभी के बच्चे उनके बच्चे हैं। उनकी पूरी

जिम्मेदारी है कि वो बच्चों को सही सलामत घर से स्कूल ले जाएं व स्कूल से घर ले जाएं। वह खुद नहीं चाहते कि

एलपीजी किट लगे व्हीक्ल्स या फिर ओवरलोडिंग वाले व्हीकल्स में बच्चे बैठें लेकिन कम बच्चे बैठाने पर उनका गुजारा

नहीं हो सकता है। उनका किराया बढ़ाया जाए। व्हीकल्स एसोसिएशन की तरफ से करीब 12 सौ रुपये महीना पर बच्चे

किराया का प्रस्ताव रखा गया। उन्होंने हड़ताल करने पर भी क्षमा मांगी। इसके अलावा कई और मुद्दों पर भी मीटिंग में

चर्चा की गई।

इन पर बनी सहमति

मैराथन मीटिंग में बच्चों की सेफ्टी के मुद्दे पर लगभग सहमति बन ही गई। सभी की राय के बाद एसपी ट्रैफिक ने कुछ

प्वाइंट बताए।

-आटो में 7, विक्रम या टैंपो, मैक्सी व वैन में 11 से अधिक बच्चे नहीं बैठेंगे।

-एलपीजी वाले व्हीकल्स में बच्चे नहीं जाएंगे। जिन व्हीकल्स में सीएनजी किट के ऊपर बेंच लगाकर बच्चे बैठाए जाते हैं

उन पर भी रोक लगेगी।

-कोई हड़ताल नहीं करेगा। स्कूल्स के अंदर से ही बच्चे बैठाए जाएंगे। जिन स्कूल्स में अंदर जगह नहीं उनके बाहर लाइन

में लगकर व्हीकल्स बच्चों को बैठाएंगे।

-किस व्हीकल में कितने बच्चे आ रहें हैं इसकी चेकिंग पेरेंटस के साथ-साथ स्कूल्स भी करेंगे। इन सब पर मानिटरिंग के

लिए एक सभी एसोसिएशन की एक गवर्निंग बॉडी बनाई जाएगी। अगर आगे से कोई भी आगे से इनके अगेंस्ट जाएगा तो

उसक खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।