वर्ष 2008 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के बाद पहली बार शरापोवा किसी ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता के फ़ाइनल में पहुँची हैं। एक समय ऐसा लग रहा था कि कंधे की चोट के कारण उनका करियर न ख़त्म हो जाए। लेकिन अब इससे उबरते हुए शरापोवा ने विंबलडन के फ़ाइनल में जगह बना ली है और ख़िताब की प्रबल दावेदार हैं।

शरापोवो ने सेमी फ़ाइनल में जर्मनी की सबीन लिसिका को सीधे सेटों में 6-4 और 6-3 से हराया। इससे पहले क्विटोवा ने बेलारुस की विक्टोरिया अज़ारेन्का को 6-1, 3-6 और 6-2 से मात दी।

पाँचवीं वरीयता प्राप्त शरापोवा ने सेमी फ़ाइनल में काफ़ी ख़राब शुरुआत की। पहले सेट के शुरू में उन्हें अपनी ग़लती का ख़ामियाजा भुगतना पड़ा और एक समय वे 3-0 से पीछे चल रही थी।

वापसी

लेकिन उन्होंने शानदार वापसी की और अगले 10 गेम्स में से नौ में जीत हासिल करते हुए 6-4 से सेट जीत लिया। शरापोवा भाग्यशाली भी थी क्योंकि उन्होंने काफ़ी ग़लतियाँ की और वाइल्ड कार्ड के रूप में प्रवेश करने वाली जर्मन खिलाड़ी ने इसका फ़ायदा नहीं उठाया।

दूसरे सेट में शरापोवा ने अपेक्षाकृत अच्छी शुरुआत की और डबल ब्रेक के साथ लिसिका पर दबाव बनाया। फिर ये सेट 6-3 से जीत हासिल करते हुए फ़ाइनल में जगह बनाई।

इससे पहले आठवीं वरीयता प्राप्त क्विटोवा ने शानदार टेनिस का प्रदर्शन करते हुए चौथी वरीयता प्राप्त अज़ारेन्का को बाहर का रास्ता दिखाया।

दूसरे सेट में उन्हें ज़रूर हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पहले और तीसरे सेट में उनका प्रदर्शन बेहतरीन था। क्विटोवा ने आख़िरकार 6-1, 3-6 और 6-2 से जीत हासिल की और फ़ाइनल में जगह बनाई।

इस बीच भारत की सानिया मिर्ज़ा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी मिक्स्ड डबल्स मुक़ाबले के क्वार्टर फ़ाइनल में पहुँच गई है।

International News inextlive from World News Desk