गोवा के आम जीवन के रंगों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को परिचित कराने में मारियो मिरांडा का बड़ा योगदान था। मारियो कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उनके परिवार के लोगों का कहना है कि उनकी मौत नींद में ही हो गई।

उन्होंने लंबे समय तक इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया, टाइम्स ऑफ़ इंडिया और इकॉनॉमिक टाइम्स के लिए कार्टून बनाए थे। उनकी बॉस और सेक्रेटरी सीरिज़ के कार्टून और ग्लैमर वर्ल्ड की 'मिस नींबूपानी' जैसे पात्र काफ़ी चर्चित रहे हैं।

मारियो मिरांडा के बनाए हुए कई भित्तिचित्र यानी म्यूरल्स गोवा में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं, उन्होंने कई कई शहरों के जीवन को अपनी पेंटिंग्स में उतारा जिनमें गोवा के अलावा पेरिस और हैम्बर्ग की पेंटिंग्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रही हैं।

मारियो अपने रेखाचित्र की बारीकियों के लिए दुनिया भर में मशहूर थे, उनके बनाए हुए हाट बाज़ार, स्कूल, दफ़्तर, इमारतों और रेस्तराँओं के रेखाचित्रों में हास्य-व्यंग्य का रंग दिखता है और जीवन की ढेर सारी गतिविधियों की जीवंत झलक दिखाई देती है।

पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान पा चुके मारियो की रेखाचित्रों की कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफ़ी सराहना हुई है। कार्टून की सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'मैंड एंड पंच' में उनके कार्टून प्रकाशित होते रहे हैं।

रविवार को उनकी इच्छा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा और दफनाया नहीं जाएगा, उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी से कहा था कि मरने के बाद उनका दाह संस्कार किया जाए और उन्हें दफनाया न जाए।

लौटोलिम गाँव के 'सैवियर ऑफ द वर्ल्ड चर्च' के पादरी फादर बोलमेक्स परेरा ने कहा, ''शव का अंतिम संस्कार पणजी या मरगाओ में किया जाएगा.''

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