Meerut : नवरात्र की तैयारियों के चलते बाजारों में मां भगवती के श्रृंगार व व्रत की सामग्री से दुकानें पटने लगी है। मंगलवार से नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। नगर के बाजारों में नवरात्र संबंधी अनुष्ठान की सामग्री व मां भगवती के श्रृंगार का सामान दुकानों पर सज गया है। बाजार में मां की चुनरी, नारियल, सामग्री आदि सामान की खरीदारी में जुट गए हैं। मंगलवार को पहला नवरात्र है।

पूजा से मिलता है मनवांछित फल

मंगलवार तुला राशि कि चंद्रमा में श्री शरादीय नवरात्र घट स्थापना 11 बजकर 31 मिनट से 12 बजकर 25 मिनट तक शुभ योग बन रहा है। 13 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र तुला राशि की चंद्रमा पड़ने से नवरात्रि का शुभ योग बन रहा है। एक बार फिर मां दुर्गा के नौ रूपों के साक्षात दर्शन का समय आ गया है। पंडित मोहन जोशी कहते हैं कि मां की आराधना करने से श्रद्धालुओं पर विशेष कृपा बरसती है और मां की कृपा से हर कष्ट दूर हो जाते हैं। विधि विधान पूजा करने से मनवांछित फल मिलता है।

अच्छा फल मिलता है

नवरात्र घट स्थापना का समय प्रात: 11 बजकर 31 मिनट से 12 बजकर 25 मिनट तक शुरू होगा। मां को किसी भी स्वरूप का ध्यान करने से फल च्च्छा मिलता है। मां का ध्यान मनुष्य को जन्मातर के दुखों से निजात दिलाता है।

पूजन करते समय रखे ध्यान

सामग्री : घट स्थापना के लिए घड़ा, करवा, बालू रेत, जौं, गंगाजल, रोली, आम की टहनी, चांदी का सिक्का, फूलमाला व चुनरी की आवश्यकता होती है।

पूजा का नियम

इस व्रत में उपवास या फलहार का कोई विशेष नियम नहीं है। प्रातकाल स्नान करने के बाद मंदिर या घर में ही दुर्गा मां का ध्यान करना चाहिए। कथा के अंत में जय मां दुर्गे का जाप करें। यह व्रत कन्याओं के लिए फलदायी है।

समृद्धि के संकेत हैं हरे भरे जौं

जो व्यक्ति नवरात्र व्रत एवं दुर्गा सप्तमी का पाठ करते हैं। मिट्टी के कुल्हड़ में जौ उगाते हैं और तीसरे दिन उसमें अंकुर फूट जाते हैं। इससे घर में सुख शांति बनी रहती है।

कन्या पूजन का महत्व

नवदुर्गा के दिनों में अष्टमी नवमी के दिन दो वर्ष से लेकर 11 वर्ष की कन्याओं को घर बुलाकर पूजन कर भोजन कराना चाहिए।