मीडिएटर्स के इंवॉल्वमेंट से मार्केट खराब

खलीलाबाद से बकरा सेल करने आए हारून ने बताया कि मीडिएटर्स की वजह से बकरों की मार्केट काफी खराब हो गई है, जिसका इफेक्ट उनकी सेल पर पड़ा है। पहले मीडिएटर्स के न होने पर वह एक दिन में आसानी से बकरा बेचकर वापस निकल जाते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से उन्हें दो बकरे सेल करने में भी 4-5 दिन लग जाते हैं। मीडिएटर्स बकरों के रेट इतने ऊंचे  लगाते हैं कि कोई अब मार्केट से बकरा खरीदने की हिम्मत ही नहीं करता है।

बाहर से लाते हैं बकरे

इलाहीबाग के मोनिस ने बताया कि पिछले दो-तीन सालों से बकरे के दामों में काफी उछाल आया है। इसमें मेन रीजन मीडिएटर्स का इनवॉल्वमेंट है। इससे बकरों के रेट डायरेक्ट डबल हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि मैं पिछले दो तीन सालों से बाहर से ही बकरे लेने जाता हूं। इससे रेट भी जेनविन मिलता है और बकरे भी अच्छे मिल जाते हैं। बाहर से बकरा लाने में एक फायदा यह भी है कि फ्रेंड्स और रिलेटिव्स के साथ बकरा लाने में किराया कई लोगों में डिस्ट्रिब्यूट हो जाता है, जिससे किसी पर बोझ नहीं पड़ता।

3 से 15 हजार तक के बकरे मौजूद

मार्केट की बात करें तो इस बार भी घंटाघर स्थित जामा मस्जिद के पास बकरों की बाजार सजी हुई है। यहां पर छोटे-बड़े, तनदुरुस्त और मोटे ताजे बकरे लोगों को खूब भा रहे हैं। इनके रेट्स की बात करें तो अभी बकरों के रेट्स जेनविन है और लोगों की पहुंच के अंदर हैं। इस वक्त मार्केट में 3 हजार से 15 हजार तक के बकरे मौजूद हैं। लास्ट इयर की बात करें तो जामा मस्जिद मार्केट में 32 हजार रुपए तक के बकरे सेल किए गए थे। वहीं सिटी में सबसे महंगा बकरा 65 हजार रुपए का आया था, जो अजमेर शरीफ से लाया गया था। इस बार मार्केट में बकरे का मैक्सिमम रेट 15 हजार रुपए तक है।

बनारसी किमामी और दूध की सेवईयों की जबरदस्त डिमांड

बकरीद के मौके पर भी ईद की तरह सेवईयों की धूम मची हुई है। मोटी, बारीक, लच्छेदार के साथ ही और भी कई वेराइटी की सेवइयां मार्केट में अवेलबल है। अलग-अलग क्वालिटी की बात करें तो इस वक्त सिटी के मार्केट में सिटी में 10 तरह की सेवइयां मौजूद हंै। इनमें सबसे ज्यादा डिमांड में बनारसी किमामी सेवईं है जोकि हाथों-हाथ बिक जा रही है। इसके अलावा दूध के साथ खाई जाने वाली सेवईं की भी जबदस्त डिमांड है। शॉप ओनर मोहम्मद बादशाह ने बताया कि शरबती, किमामी, लच्छेदार, दूध वाली, फेनी, भुनी किमामी, भुनी शर्बती, देशी घी की फेनी, बनारसी लच्छा और बनारसी किमामी सेवईं मार्केट में मौजूद है।