RANCHI लापरवाही रांची यूनिवर्सिटी की होती है और फजीहत स्टूडेंट्स को उठानी पड़ती है। क्वालिटी एजूकेशन देने का दावा करनेवाली यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन अब क्वालिटी से ही कंप्रमाइज कर रही है। इसबार सर्टिफिकेट की क्वालिटी से कंप्रमाइज करने की बात सामने आई है। पीजी ट्राइबल एंज रिजनल लैंग्वेजेज (टीआरएल) के फ‌र्स्ट सेमेस्टर जो मा‌र्क्सशीट इश्यू किए गए हैं, वह लो क्वालिटी की है। मा‌र्क्सशीट में क्या लिखा है, इसे भी स्टूडेंट्स नहीं पढ़ पा रहे हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स ने मा‌र्क्सशीट को लेने से इंकार कर दिया है।

खामियां ही खामियां

रांची यूनिवर्सिटी के टेबुलेशन सेंटर से पीजी टीआरएल डिपार्टमेंट को ये मा‌र्क्सशीट डिस्पैच किए गए हैं। लास्ट ईयर अगस्त में ये मा‌र्क्सशीट डिपार्टमेंट को भेजे गए थे। करीब सौ से ज्यादा स्टूडेंट्स के मा‌र्क्सशीट में खामियां ही खामियां हैं। इन मा‌र्क्सशीट्स में न तो स्टूडेंट्स के नाम हैं और न ही रौल नंबर। इसमें क्या लिखा है, उसे पढ़ा ही नहीं जा सकता है। ऐसे में स्टूडेंट्स का साफ कहना है कि यह बिना यूज का मा‌र्क्सशीट है। इसे लेकर हम क्या करेंगे। यही वजह है कि सभी मा‌र्क्सशीट डिपार्टमेंट में ही पड़े हुए हैं। डिपार्टमेंट ने भी ये मा‌र्क्सशीट यूनिवर्सिटी को वापस नहीं किए हैं।

टेबुलेशन सेंटर से डिस्पैच

रांची यूनिवर्सिटी के टेबुलेशन सेंटर से स्टूडेंट्स के मा‌र्क्सशीट डिस्पैच किए जाते हैं। मा‌र्क्सशीट तैयार करने व उसे प्रिंट कर डिपार्टमेंट्स व कॉलेजेज को भेजने का जिमा टेबुलेशन सेंटर को है। ऐसे में पीजी टीआरएल डिपार्टमेंट के फ‌र्स्ट सेमेस्टर के जो मा‌र्क्सशीट इश्यू किए गए हैं, उसकी लो क्वालिटी को लेकर टेबुलेशन सेंटर पर सवाल उठना लाजिमी है।