- इलेक्शन की रणभेड़ी बजी नहीं कि शादी के बैंड-बाजे करने लगे फुस्स

- आचार संहिता के डर से अप्रैल-मई की डेट होने लगी है चेंज

PATNA:

आचार संहिता के फेर में

गर्दनीबाग निवासी पुलिस ऑफिसर एसएन पांडे की बेटी मोनिका की शादी क्ब् मई को फाइनल की गई। लोकसभा इलेक्शन की वजह से उस समय आचार संहिता लागू हो सकता है। पांडे जी ने कहा कि पुलिस ऑफिसर हैं, तो ड्यूटी जरूर लगेगी। वहीं, घर के मुखिया होने के कारण मेरे बिना शादी भी इंपॉसिबल है। उधर, पंडित जी का कहना है कि इस बार शादी नहीं होगी, तो दिसंबर में मुहूर्त बनेगा। कोई अच्छा विकल्प नहीं मिलेगा, तो मजबूरी क्ब् मई को ही शादी करनी पड़ेगी।

धूमधाम से तो करेंगे ही

कंकड़बाग के रहने वाले लक्ष्मण गिरी की इकलौते बेटे की शादी क्8 अप्रैल को फाइनल हुई है। पेशे से टीचर लक्ष्मण बताते हैं कि बेटा इकलौता है, जिसकी शादी धूमधाम से करने की तैयारी थी। जब डेट तय हुई थी, उस दौरान शायद आचार संहिता लगा रहेगा, जिसमें धूम-धड़ाके से शादी नहीं हो सकती है। इस वजह से मैंने अपनी बेटी की शादी पंडित जी से दिखाकर नवंबर में फाइन कर दिया हूं। वहीं, डेट चेंज होने से कुछ लॉस हुआ है, फिर भी शादी धूम-धड़ाके से होगी।

क्या कहते हैं पंडित जी?

आचार संहिता की वजह से कई लोग हमारे पास आए। इनमे से पुलिस ऑफिसर्स की संख्या अधिक है। मेरी मानें, तो फिक्स डेट के अनुसार ही शादी करें, क्योंकि नेक्स्ट मुहूर्त नवंबर में ही निकल रहा है। अगर उस मुहूर्त में भी शादी नहीं हुई, तो लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

पंडित विनोद झा वैदिक

शादी की डेट चेंज कराने के लिए करीब क्फ् लोग आए, जिनमें से गवर्नमेंट सेक्टर से अधिक लोग थे। कुछ लोगों ने अपनी डेट चेंज कराई, वहीं कुछ ने फिक्स डेट पर ही शादी करवाने का फैसला किया है।

पंडित संतोष तिवारी।

इनकी नजर में

मैंने तो अपने फ्रेंड को शादी की डेट चेंज करने की सलाह दी है, क्योंकि अगर शादी में धूम-धड़ाका और शोर शराबा नहीं हो, तो शादी का मतलब ही अलग होता है।

विक्रम कुमार, स्टूडेंट

मेरे बेटे की शादी ख्7 मई को फाइनल हुई थी। वह गवर्नमेंट इंप्लॉई है। मई में इलेक्शन में ड्यूटी लगने के डर से हमने तारीख चेंज कराने की बात की है। पंडित जी ने दिसंबर फ‌र्स्ट वीक में मुहूर्त निकाला है।

प्रदीप उपाध्याय, टीचर, बुद्धा कॉलोनी।

मेरे भाई की शादी भी इलेक्शन टाइम में हुई थी। उस दौरान हमलोगों ने शादी में इंज्वॉय नहीं किया, जिसकी चर्चा आज तक चलती है। इस वजह से मैंने अपने चाचा से चचेरे भाई की शादी की डेट चेंज कराने की रिक्वेस्ट किया हूं।

मोनू सिंह, स्टूडेंट

क्या कहते हैं बैंडबाजा वाले?

अप्रैल व मई में मैंने कई फंक्शन की बुकिंग की है। डेट चेंज कराने को लेकर कई कॉल आए हैं। वैसे डेट चेंज होने से चार्ज ज्यादा होने की संभावना बढ़ जाती है।

छोटू गिरी, डेकोरेशन ओनर।

आचार संहिता के दौरान पड़ने वाली डेट को चेंज कराने के लिए हमारे पास कई लोगों ने कांटैक्ट किया है। करीब क्ब् लोगों ने डेट चेंज कराकर नवंबर माह में बुक करा लिया है।

केशव प्रसाद, बैंड बाजा ओनर।