- लखनऊ में चल रहे मार्शल आर्ट ट्रेनिंग सेंटर्स पर उमड़ रही बच्चों की भीड़
- कह रहे, खेल में उसे मेडल मिले या नहीं लेकिन सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग है जरूरी
LUCKNOW: प्रदेश में बढ़ रहे रेप के मामले को लेकर शिक्षण संस्थान में भले ही अभी तक मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए कोई व्यवस्था न हो पाई हो लेकिन लखनऊ में चल रहे मार्शल आर्ट ट्रेनिंग सेंटर्स पर इसका असर दिखने लगा है। इन सेंटर्स पर पैरेंट्स अपने बच्चों को ट्रेनिंग दिलवाने पहुंच रहे हैं। इनका कहना है कि खेल में उसे मेडल मिले या नहीं लेकिन सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग उसके लिए जरूरी है।
बढ़ी गर्ल्स की संख्या
लखनऊ में मार्शल आर्ट में कराटे, जूडो, ताइक्वांडो, किक बॉक्सिंग और वोवीनाम मौजूद है। इन खेलों से जुड़े लोगों की माने तो हाल ही में जिस तरह से इस गेम में गर्ल्स की संख्या में इजाफा हुआ है, उतनी गर्ल्स पहले कभी नहीं दिखी।
ताइक्वांडो की है डिमांड
लखनऊ में सबसे अधिक गर्ल्स ताइक्वांडो में हैं। यहां पर इसकी तमाम ब्रांच मौजूद हैं लेकिन मुख्य रूप से दो सेंटर चलते हैं। इनमें केडी सिंह बाबू स्टेडियम और दूसरा चौक स्टेडियम में। दोनों ही जगह गर्ल्स की संख्या बढ़ी हुई है। बाबू स्टेडियम में मौजूद कोच रिजवान ने बताया कि इस समय यहां पर गर्ल्स की संख्या ब्7 है, जबकि पहले यह संख्या ख्भ् के आस-पास ही रहती थी। यहां आने वाली गर्ल्स में दस साल से लेकर क्भ् साल की गर्ल्स शामिल हैं। वहीं चौक स्टेडियम के कोच मुकेश बताते हैं कि प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए ही नहीं गर्ल्स सेल्फ डिफेंस के लिए भी यहां आती हैं। पिछले एक महीने में यहां पर क्म् गर्ल्स बढ़ी है। अब इनकी संख्या फ्8 हो गई है। पहले इंनकी संख्या ख्ख् ही थी।
पैरेंट्स हुए सजग
आरडीएसओ स्टेडियम पर कराटे की ट्रेनिंग होती है। यहां के कोच जसपाल ने बताया कि गर्ल्स के पैरेंट्स माहौल को देखते हुए सजग हो गए हैं। वे अपने बच्चों की सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं। इसी के चलते राजधानी में चल रहे मार्शल आर्टस के कैम्प में गर्ल्स की संख्या बढ़ रही है। इस समय मेरे पास सुबह और शाम में प्रैक्टिस करने के लिए आने वालों की संख्या ब्फ् है। पहले इनकी संख्या ख्0 के आस-पास ही थी। केडी सिंह बाबू स्टेडियम में संचालित होने वाले जूडो के लोकल कैम्प में भी गर्ल्स ज्यादा दिखने लगी हैं। यहां की कोच जया ने बताती है यहां आने वाली गर्ल्स में सेल्फ डिफेंस ही प्राथमिकता है।
भले ही राजधानी में संचालित होने वाले तमाम मार्शल आर्ट्स एकेडमी में खिलाडि़यों के लिए ट्रेनिंग होती है। लेकिन, इसका फायदा उन लड़कियों को भी मिल रहा है जो सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेना चाहती हैं। यह हमारे लिए गौरव की बात है।
अनिल बनौधा
डिप्टी डायरेक्टर
यूपी स्पोर्ट्स डायरेक्ट्रेट
खेल के माध्यम से गर्ल्स सुरक्षा की बारीकियां सीख रही है तो यह हमारे लिए गौरव की बात है। सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग के लिए सरकार कॉलेजेज में कैम्प लगवाना चाहती है। स्टेडियम में पहले से यह सुविधाएं एवलेबल हैं।
आनन्देश्वर पांडेय
सचिव, यूपी ओलम्पिक एसोसिएशन