-जम्मू कश्मीर में पाक की फायरिंग में शहीद हो गए थे सीताराम उपाध्याय

रांची : जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की फाय¨रग में शहीद बीएसएफ के कॉस्टेबल सीताराम उपाध्याय का पार्थिव शरीर शनिवार को रांची पहुंचा। दोपहर पौने दो बजे पार्थिव शरीर को बीएसएफ के वाहन से शहीद के पैतृक गांव गिरिडीह के पालगंज भेजा गया। एयरपोर्ट पर पहले से मौजूद शहीद की पत्‍‌नी समेत परिवार के लोग पार्थिव शरीर देखते ही बिलख उठे। पत्नी भाई समेत सगे संबंधियों का रो-रो कर बुरा हाल था। शहीद की तीन साल की बेटी सिद्धि उपाध्याय तथा दो साल का बेटा कन्हैया ताबूत में बंद अपने पिता के पार्थिव शरीर को निहार रहे थे।

दोपहर एक बजे पहुंचा पार्थिव शरीर

एयर इंडिया के सेवा विमान से पार्थिव शरीर दोपहर एक बजे रांची एयरपोर्ट लाया गया। वहां गिरिडीह शहीद सीताराम उपाध्याय को एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अखिलेश कुमार, सिटी एसपी अमन कुमार समेत बीएसएफ के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रीय युवा शक्ति संस्था के अध्यक्ष उत्तम यादव व कार्यकर्ता समेत शहीद की पत्‍‌नी रेशमी उपाध्याय, चाचा राजेश कुमार उपाध्याय, बड़ा भाई सोनू उपाध्याय, ज्वलंत उपाध्याय, संजीव उपाध्याय ने शहीद के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। शहीद की याद में दिया जलाया।

पत्‍‌नी ने कहा, पति की शहादत पर गर्व

शहीद की पत्‍‌नी ने कहा कि उनके पति ने देश के लिए बलिदान दिया है। उन्हें पति की शहादत पर गर्व है। दो बच्चों के बेहतर लालन-पालन और जीवन यापन के लिए उन्होंने सरकार से नौकरी की मांग की। कहा कि मुआवजे से आजीवन गुजारा करना तथा दोनों बच्चों का बेहतर भविष्य गढ़ना संभव नहीं होगा। बच्चों को आप भविष्य में क्या बनाना चाहती हैं, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहले बच्चों को खिलाने का जुगाड़ तो हो जाए, फिर बनाने के बारे में सोचेंगे।

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