RANCHI: बिरसा मुण्डा जेल को बिरसा मुण्डा संग्रहालय के रूप में विकसित करते हुए वहां शहीदों के गांव की पावन मिट्टी से उनकी प्रतिमाओं की स्थापना की जानी है। विदित हो कि झारखण्ड सरकार ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित एवं विकसित कर वर्तमान तथा आने वाले पीढ़ी को गौरवपूर्ण अतित से अवगत कराना चाहती है। इस क्रम में राजधानी रांची अवस्थित पुरानी बिरसा मुण्डा जेल के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण कार्य तथा बिरसा मुण्डा संग्रहालय योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है।

डीसी ने जारी किया आदेश

डीसी राय महिमापत रे ने सभी बीडीओ को ग्राम स्तर पर पावन मिट्टी के संग्रहण हेतु रोस्टर तैयार करने तथा पावन मिट्टी को प्रखण्ड के सभी गांवों एवं टोलों से मिट्टी को छोटे घड़े में संग्रहित करने हेतु निर्देश जारी कर दिया है। 17 जनवरी तक सभी प्रखण्डों को पंचायत स्तर से प्राप्त पावन मिट्टी के घड़े को प्रखण्ड मुख्यालय के कमरे में साफ -सफ ाई कर एवं विधि-विधान के साथ एकत्रित करना सुिनश्चित किया जाना है। प्रखण्ड मुख्यालय में एकत्रित सभी पंचायतों से प्राप्त पावन मिट्टी को एक तांबे-कांस्य के बर्तन में एकत्रित कर दिनांक 19 जनवरी तक जिला मुख्यालय में जमा करना सुनिश्चित किया जाएगा। 23 जनवरी को आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सभी प्रखण्डों एवं सभी जिलों से प्राप्त पावन मिट्टी को एकत्रित करने हेतु दो बड़े तांबे के बर्तन की व्यवस्था की जा रही है।

सीएम करेंगे पदयात्रा

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर संग्रहित पावन मिट्टी के पात्रों को बिरसा मंडप मोरहाबादी रांची से पद यात्रा के माध्यम से पुराना बिरसा मुण्डा जेल परिसर तक समारोह का आयोजन कर लाया जाएगा। बिरसा मुण्डा जेल परिसर में कार्यक्रम आयोजित कर झारखण्ड के स्वतंत्र सेनानियों व वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।

जीवनी व संस्कृति की झलक

इस संग्रहालय में क्षेत्रीय विरासत को प्रदर्शित करने वाले दृश्य, झारखण्ड के स्वतंत्रता सेनानियों के मूर्तियों को अधिष्ठापित करते हुए उनकी जीवनी एवं संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा लिये गए इस निर्णय के संदर्भ में उक्त संग्रहालय में झारखण्ड के सभी गांवों से शहीदों की पावन मिट्टी का प्रतीकात्मक सांकेतिक संग्रह किया जाना है। उक्त कार्यक्रम मूलत: झारखण्ड के स्वतंत्रता सेनानियों एवं सभी वीर सपूतों को सच्ची ऋद्धांजलि अर्पित करने का प्रयास है।