मारुति 800 कार भारतीय मध्यवर्ग में ख़ासी लोकप्रिय रही है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, मारुति सुज़ुकी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी ने पिछले महीने से ही मारुति 800 का उत्पादन बंद कर दिया है.

मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक सीवी रामन का कहना है कि भले ही इस कार को बनाना बंद कर दिया गया है लेकिन नियमों के मुताबिक़, अगले 8-10 वर्षों तक इसके पुर्ज़े उपभोक्ताओं के लिए बाज़ार में उपलब्ध रहेंगे.

उनका कहना है, ''18 जनवरी से मारुति 800 का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. हमें उपभोक्ताओं की ज़रूरतें पूरी करनी होंगी, इसलिए पुर्ज़ें मिलते रहेंगे.''

मारुति 800 पहली बार 1980 के दशक की शुरुआत में बाज़ार में उतारी गई थी, तब इसका मूल्य लगभग 50,000 रूपये था

कारों के सुरक्षा मानकों की निगरानी करने वाली एक ब्रितानी संस्था के क्रैश टेस्ट में भारत की पाँच छोटी कार बनानी वाली कंपनियाँ विफल रहीं हैं.

क्रैश टेस्ट में यह देखा जाता है कि दुर्घटना होने की स्थिति में यात्रियों के कोई कार कितनी सुरक्षित है.

जिन कारों का टेस्ट किया गया उनमें सुज़ुकी-मारुति आल्टो 800, टाटा नैनो, फोर्ड फ़िगो, हुंडई आई10 और फ़ॉक्सवैगन पोलो को शामिल किया गया था.

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