परीक्षा केंद्र पर दिख रहा था सामूहिक भोज जैसा नजारा

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CHAPRA/PATNA : अपने कारनामों से सुर्खियों में रहने वाला जयप्रकाश यूनिवर्सिटी प्रशासन एक बार फिर चर्चा में है। इस बार स्नातक पार्ट थर्ड के जीएस परीक्षा को लेकर चर्चा में आया है। पार्ट थर्ड की परीक्षा के अंतिम दिन बुधवार को परीक्षा अधिनियम एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के सारे आदेश की धज्जियां उड़ा दी। हुआ यूं कि जीएस की परीक्षा में परीक्षार्थियों को बरामदे, जमीन और सीढ़ी घर के नीचे, जिसे जहां जगह मिली वहां बैठाकर परीक्षा ली गई। परीक्षा की यह स्थित थी कि कोई खड़े-खड़े ही लिख रहा था, तो कोई टेबल कुर्सी पर बैठकर लिख रहा था। जिसे देखकर यह लग रहा था कि यहां परीक्षा नहीं पंगत यानी भोज चल रहा है। इतना ही नहीं, कई परीक्षार्थी तो खुले बदन लैब के टेबल पर पलथी मारकर ऐसे बैठे थे कि जैसे वह बारात में पहुंचे हो और गर्मी के कारण शर्ट तथा गंजी खोल दिए हैं।

कैमरे की निगरानी में एग्जाम लेने का दिया गया था निर्देश

शहर के अधिकांश केंद्रों पर परीक्षा की यह स्थिति तब है जब वीसी प्रो। हरिकेश सिंह ने परीक्षा शुरू होने के पहले सभी प्रिंसिपल की बैठक कर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परीक्षा लेने का निर्देश दिया था। वीसी ने 10 मई को वाईएन कॉलेज दिघवारा केंद्र पर कुव्यवस्था और सामूहिक नकल होने पर वहां की सेकेंड पार्ट की परीक्षा रद करते हुए केंद्राधीक्षक को बदल दिया था। उसके बाद भी कॉलेज प्रशासन सजग नहीं हुआ। परीक्षा नियंत्रक डॉ अनिल सिंह 21 मई को सभी केंद्राधीक्षक को पत्र भेजकर 23 मई को होने वाली परीक्षा में अधिक परीक्षार्थी होने पर नजदीक के स्कूल से संपर्क कर वहां परीक्षा की व्यवस्था करने को कहा था।

वीक्षकों के सामने चला खेल

यह सारा कुछ वीक्षकों के सामने किया जा रहा था। लेकिन परीक्षार्थियों की इस हरकत को रोकना मुनासिब नहीं समझा गया। वीक्षक आराम से आपस में बातचीत करते रहे। विश्वविद्यालय के जानकार बताते हैं कि इस तरह की घटना अंगीभूत कॉलेज में पहली बार नहीं घटी हैं। परीक्षा नियमों की खुलेआम अवहेलना की गई। लेकिन कॉलेज प्रशासन उन चीजों पर ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण पार्ट थर्ड की परीक्षा मजाक बनकर रह गई।

परीक्षार्थी एक-दूसरे से कर रहे थे डिस्कस

इतना ही नहीं वीक्षण कार्य के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क कर वीक्षकों की नियुक्ति करने को कहा था। लेकिन उसके बाद भी यूनिवर्सिटी के प्रीमियर कॉलेज में शुमार राजेंद्र कॉलेज की स्थिति बद से बदतर थी। वहां भोज की तरह आमने -सामने परीक्षार्थियों को बैठाकर परीक्षा ली गई। जहां सवाल नहीं समझ में आने पर एक-दूसरे से डिस्कस कर जवाब लिख रहे थे।