- एटीएस की जांच में कानपुर कनेक्शन का खुलासा, कानपुर की टीम ने ही आरोपी रमेश शाह को पुणे में पकड़ा

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KANPUR : पुणे में पकड़े गए टेरर फंडिंग के मास्टरमाइंड रमेश शाह का कानपुर कनेक्शन सामने आया है। शहर से मिली लीड से ही वह पकड़ा जा सका है। उसको कानपुर की एटीएस टीम ने ही पकड़ा है। अब एटीएस उसको लखनऊ लाने के लिए ट्रांजिट रिमांड लेने की तैयारी कर रही है। एटीएस का मानना है कि उससे पूछताछ में कानपुर, लखनऊ के साथ ही आसपास जिलों के नेटवर्क का खुलासा हो जाएगा। जिसमें कई सफेदपोश लोगों के नाम सामने आने की उम्मीद है।

सीडीआर में शहर के दो नंबर

टेरर फंडिंग के मास्टर माइंड रमेश शाह की तलाश में जुटी एटीएस को उसके कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) से कानपुर के दो नंबर मिले थे। इसके बाद एटीएस ने इन नंबर की सीडीआर को खंगाला तो रमेश के बारे में कई चौकाने वाली जानकारी सामने आने लगी। एटीएस ने सीडीआर से मिले नंबर की चेन बनाकर एक-एक युवक को उठाकर पूछताछ की तो रमेश के ठिकाने का पता चल गया। इसके साथ ही उसके टेरर फंडिंग के नेटवर्क का भी पता चलता गया। वह कैसे आतंकियों को फंडिंग करता था, इसका भी पता चल गया। अब एटीएस उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए सबूत जुटा रही है।

शहर आ चुका है वो

एटीएस को रमेश की सीडीआर से कानपुर के जो नंबर मिले थे। उन नंबर की सीडीआर से एटीएस को पता चला है कि शहर के कई सफेदपोश लोग रमेश शाह से जुड़े हैं। वह हवाला के जरिए उनका पैसा इधर से उधर करता था। इसके लिए उसने दो एजेंट बनाए थे। जो शहर में ही रहते थे। अब वे नंबर स्विच ऑफ कर अंडरग्राउंड हो गए हैं। अब एटीएस उनकी तलाश कर रही है। एटीएस को दोनों एजेंट की गिरफ्तारी से कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है।

मास्टरमाइंड तक ऐसे पहुंची एटीएस

टेरर फंडिंग का मास्टरमाइंड रमेश शाह बहुत शातिर है। वह पुलिस से बचने के लिए नंबर बदलता रहता था। वह टेक्नोलॉजी का भी जानकार है। इसलिए वह नंबर के साथ ही मोबाइल भी हटा देता था। जिससे एटीएस उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रही थी। एटीएस को जब कानपुर के दो नंबर सीडीआर में मिले तो एटीएस ने उन नंबरों का सीडीआर खंगाला। जिसमें एटीएस को पुणे के तीन नंबर मिले। इन नंबर को यूज करने वालों के फोन को लिसनिंग में लगाया गया तो उनकी बातों में रमेश के ठिकाने का पता चल गया।