- कई सेंटर्स पर कैंडीडेट्स को टेक्निकल दिक्कतों का करना पड़ा सामना

- गोमती नगर में बने सेंटर पर अभिभावकों ने किया हंगामा

LUCKNOW :

देश की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए संडे को कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट क्लैट का आयोजन किया गया। स्टूडेंट्स को एग्जाम के दौरान कई बार टेक्निकल खामियों से परेशान होना पड़ा। ऑनलाइन एग्जाम के दौरान कई सेंटर्स पर कंप्यूटर हैंग हो गए तो कईयों की स्क्रीन ब्लैंक हो गई। वहीं शुरुआत में जैसे ही कैंडीडेट्स ने लॉगइन किया तो सवाल क्रिप्टेड फॉर्म कंप्यूटर लैंगवेज में आए। शिकायत के बाद दस से पंद्रह मिनट में उसे दुरुस्त किया जा सका। जिसके बाद एग्जाम शुरू हो पाया।

मैथ्स और रीजनिंग टफ

इस बार क्लैट में मैथ्स और रीजनिंग के सवाल टफ आए। पेपर में कुल 200 सवाल पूछे गए, जिसमें लीगल एप्टिट्यूट और जीके 50-50 और इंग्लिश व रीजनिंग के 40-40 सवाल पूछे गए शेष बीस सवाल मैथ्स के थे। मैथ्स के कैलकुलेशन मुश्किल रही, वहीं रीजनिंग भी टिपिकल आई। हालांकि लीगल एप्टिट्यूड के सवाल इस बार ज्यादा मुश्किल नहीं रहे। क्लैट के एक्सपर्ट संजय कुमार सिंह ने बताया कि इस बार पेपर ज्यादा मुश्किल नहीं रहा।

लॉगइन में दिक्कत

राजधानी लखनऊ के 15 एग्जाम सेंटर्स पर एग्जाम निर्धारित समय तीन बजे शुरू हुआ, पर कई सेंटर्स पर कैंडीडेट्स ने कंप्यूटर लॉगइन किया तो स्क्रीन ऑन हो गई, पर उस पर प्रश्न पत्र नजर नहीं आया। कैंडीडेट्स ने इसकी शिकायत की। इसके बाद एग्जाम सेंटर्स पर एग्जाम कराने वाली एजेंसी सीफी टेक्नोलॉजी लिमिटेड के तैनात कर्मचारियों ने कैंडीडेट्स से दोबारा लॉगइन करने को कहा, जिसके बाद जाकर प्रश्न पत्र नजर आए। गोमती नगर के विपुल खंड-6 स्थित शिव गंगा एसओएफ टेक में कैंडीडेट्स को पूरे एग्जाम के दौरान दर्जनों बार कंप्यूटर लॉगइन करना पड़ा।

जमकर हुआ हंगामा

वहीं आरके एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में प्रश्न पत्र कंप्यूटर स्क्रीन पर 3:20 मिनट पर नजर आया। कैंडीडेट्स ने इस बारे में एग्जाम सेंटर्स संचालकों और शिक्षकों में शिकायत की तो उन्होंने कहा कि उन्हें अतिरिक्त समय दिया जाएगा। फिर कैंडीडेट्स ने सवाल हल करने शुरू किया, लेकिन पांच बजते ही उन्हें कम्प्यूटर से उठा दिया गया। बाहर आने पर कैंडीडेट्स और अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया। एग्जाम सेंटर संचालक से उनकी काफी तीखी बहस हुई। कुछ देर बाद एग्जाम सेंटर्स संचालकों ने कुछ कैंडीडेट्स को बुलाकर 11 मिनट और सवाल हल कराए।

97 प्रतिशत ने दिया एग्जाम

एग्जाम कोऑर्डिनेटर जेडी गंगवार ने बताया कि शहर में लगभग 97 प्रतिशत कैंडीडेट्स ने उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं प्रदेश में कुल 41 सेंटर्स बनाए गए थे जहां 9030 कैंडीडेट्स रजिस्टर्ड थे। प्रदेश में भी लगभग तीन से चार प्रतिशत कैंडीडेट्स ही अनुपस्थित पाए गए। कुछ सेंटर्स पर तकनीकी खामियां रहीं लेकिन कैंडीडेट्स के समय का नुकसान नहीं होने दिया गया।

कैंडीडेट्स से बातचीत

मैथ्स का पार्ट काफी टफ आया था, खासकर कैलकुलेशन काफी मुश्किल थे। वैसे ओवर ऑल पेपर काफी आसान आया था।

- अश्विनी

ओवर ऑल पेपर काफी आसान आया था। टेक्निकल दिक्कतों के कारण पेपर को हल करने के लिए जो समय चाहिए था वह कम पड़ गया।

- दिव्यांश

मैथ्स रिजनिंग का पार्ट काफी टफ आया था। इन दोनों पार्ट को मिलाकर 60 सवाल थे, जिनमें से करीब 40 सवाल काफी टफ थे।

- रजत

जनरल अवेयरनेस का पार्ट काफी आसान था। पर मैथ्स ने काफी परेशान किया। कई बार पर सेंटर पर टेक्निकल प्रॉब्लम के कारण प्रश्न खुलने में भी दिक्कत आई।

- शास्वत