-सरकारी मशीनरी की ढिलाही के चलते परिवार खा रहा अधिकारियों के दफ्तरों के धक्के

BAREILLY: मथुरा के मकेरा गांव के पास 11 जून 2017 को टूटी पुलिया से नहर में कार गिरने से शर्मा परिवार के 9 लोगों समेत 10 लोगों की मौत की यादें एक वर्ष बाद भी जिंदा हैं। परिजन उसी तरह का दर्ज आज भी महसूस कर रहे हैं। क्योंकि हादसे में एक तो पूरा परिवार चला गया था, तो वहीं सरकारी सिस्टम की बेरुखी भी उनके दर्द को बढ़ा रही है। जब हादसा हुआ तो जनप्रतिनिधियों ने परिजनों को मुआवजे और घर के इकलौते सदस्य को नौकरी दिलाने के बड़े-बड़े वायदे किए थे। बरेली प्रशासन की ओर से शासन को रिपोर्ट भी भेजी गई थी, लेकिन एक वर्ष बाद भी न तो कोई मुआवजा मिला और न ही कोई नौकरी। परिजन प्रशासन अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं और उन्हें अब लखनऊ जाकर अपनी फरियाद लगाने के लिए कहा जा रहा है।

बालाजी दर्शन के लिए जा रहे थे

बता दें कि राजू उर्फ महेश शर्मा 11 जून की रात पत्‍‌नी विनीता, बेटी मानसी, खुशबू, बेटे रितिक व हार्दिक, बहन पूनम, भांजे रोहन और भांजी सुरभि के साथ बालाजी और वृंदावन के दर्शन के लिए निकले थे। उन्होंने इनोवा कार बुक कराई थी, जिसे हरिश्चंद्र चला रहा था। रात में करीब 4 बजे मथुरा-राजस्थान हाइवे पर मकेरा गांव के पास कार टूटी पुलिया से नहर में जाकर समा गई थी। करीब पौन घंटे बाद मॉर्निग वॉक पर निकले लेागों ने कार को नहर में डूबा देखा था तो उसके बाद सभी को निकाला गया था, लेकिन तब तक सबकी मौत हो चुकी थी। उसके बाद परिवार में कोहराम मच गया था। उस वक्त केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, शहर विधायक अरुण कुमार घर पर पहुंचे थे परिजनों को सांत्वना दी थी। जनप्रतिनिधियों ने परिजनों को मदद का भी भरोसा दिया था। प्रभारी मंत्री ब्रजेश पाठक ने परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलाने का भी वादा किया था।

24 अक्टूबर को गया था रिमाइंडर

राजू की मां सीता रानी ने डीएम ऑफिस में सीएम राहत कोष से मुआवजा दिलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। 13 जून को एसडीएम की रिपोर्ट के बाद शासन को रिपोर्ट भेज दी गई थी। 1 अगस्त 2017 को इसका रिमाइंडर भी भेजा गया था। इसके बावजूद मुआवजा नहीं मिला था। 24 अक्टूबर को तत्कालीन डीएम आर विक्रम सिंह ने रिपोर्ट के साथ फिर से रिमाइंडर भेजा था, लेकिन इसके बावजूद भी कोई मदद नहीं मिल सकी। उसके बाद से सीता रानी लगातार कलेक्ट्रेट व तहसील के चक्कर लगा रही हैं लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। अब उन्हें लखनऊ जाकर ही फरियाद लगाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन इस उम्र में वह कैसे दौड़ भाग करेंगी।

हादसे के बाद मुआवजे का आश्वासन दिया गया था। अभी तक मुआवजा नहीं मिला है तो यह दुखद है। जल्द ही प्रभारी मंत्री का बरेली में कार्यक्रम लगने वाला है, जिसमें उन्हें इससे अवगत कराया जाएगा।

उमेश कठेरिया, महानगर अध्यक्ष बीजेपी