MATHURA (15 March): भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की टीम ने मंगलवार दोपहर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया। प्रधान लिपिक को शिक्षक से 10 हजार रुपये बतौर रिश्वत लेने हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। एंटी करप्शन टीम की मौजूदगी में शिक्षक नेताओं ने आरोपी लिपिक के साथ जमकर मारपीट की और उसके कपड़े फाड़ दिए। बाद में थाना हाईवे में टीम ने बाबू से पूछताछ कर कानूनी कार्रवाई की।

11 सदस्यीय टीम ने लिया एक्शन

मांट ब्लॉक के गांव भदनवारा निवासी मोती सिंह नामक व्यक्ति ने नौहझील भगवानगढ़ी के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक वेगराज की शिकायत बीएसए से की थी। शिकायती पत्र में बताया गया कि स्कूल की मरम्मत के नाम पर विभाग द्वारा उपलब्ध 84 हजार रुपये को खुर्द-बुर्द कर दिया गया। स्कूल में इस रकम से कोई कार्य नहीं कराया गया। मामले की जांच बीएसए एके सिंह ने प्रधान लिपिक कुंजबिहारी को सौंपी थी। वेगराज ने बताया कि कुंजबिहारी ने 29 फरवरी को उन्हें बुलाया और मामला रफा-दफा करने के लिए रिश्वत मांगी। मना करने पर एक मार्च को एबीएसए का नोटिस उन्हें प्राप्त हुआ। इसके बाद वेगराज फिर कुंजबिहारी से मिले और 20 हजार रुपये में बात तय हो गई। इधर, शिक्षक वेगराज ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन के आगरा स्थित कार्यालय में कर दी। भ्रष्टाचार निवारण संगठन के इंस्पेक्टर पूरन सिंह के नेतृत्व में नौ सदस्यों की टीम मंगलवार को मथुरा पहुंची। यहां टीम ने डीएम राजेश कुमार से संपर्क प्रशासन के दो कर्मचारी भी टीम में शामिल कर लिए। 11 सदस्यों की टीम लगभग एक बजे बीएसए कार्यालय पहुंची। शिक्षक वेगराज पहले से ही बीएसए कार्यालय परिसर में मौजूद थे। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम के दो सदस्य प्रधान लिपिक कुंजबिहारी के कमरे में दाखिल हो गए। इसी दौरान वेगराज ने कुंजबिहारी को हजार-हजार के 10 नोट थमा दिए। लिपिक उन नोटों को फाइल के नीचे रख ही रहा था कि टीम ने उसे दबोच लिया। लिपिक दबोचने से खलबली मच गई। कुंजबिहारी को टीम जैसे ही कार्यालय से बाहर लाई, पहले से ही मौजूद कुछ शिक्षक नेताओं ने कुंजबिहारी की पिटाई कर दी। टीम जैसे-तैसे इनके चंगुल से छुड़ाकर कुंजबिहारी को थाना हाईवे ले गई। थाने में आरोपी बाबू कुंजबिहारी के हाथ धुलवाए गए। हाथ से छूटे रंग का सैंपल लिया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम आरोपी लिपिक कुंजबिहारी से थाना हाईवे में पूछताछ कर ही रही थी, तभी बीएसए एके सिंह वहां आ गए और कहने लगे कि झूठा आरोप लगाया है। लेकिन टीम के सामने ही आरोपी लिपिक की जुबां फिसलने लगी और उसके मुंह से एक सवाल के जवाब में बीएसए का नाम निकल पड़ा। यह सुनकर बीएसए तत्काल ही वहां से चलते बने।