-बरेली का परिवार बालाजी दर्शन के लिए निकला था

-मथुरा में नहर में समाई इनोवा, ड्राइवर समेत 10 की मौत

<-बरेली का परिवार बालाजी दर्शन के लिए निकला था

-मथुरा में नहर में समाई इनोवा, ड्राइवर समेत क्0 की मौत

BAREILLY: BAREILLY: बरेली से बालाजी दर्शन के लिए निकला पूरा परिवार मथुरा के मगोर्रा थाना अंतर्गत राजस्थान मार्ग पर मकेरा गांव के पास फतेहपुर सीकरी नहर में समा गया। संडे सुबह करीब ब् बजे इनोवा कार नहर के अंदर जा गिरी और एक ही परिवार के 9 लोगों और ड्राइवर समेत क्0 की मौत हो गई। हादसा संकरी पुलिया की वजह से हुआ। गुस्साए ग्रामीणों ने काफी देर तक शव नहीं उठने दिया। अधिकारियों के पहुंचने पर ही सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। हादसे की खबर सुनते ही बरेली में परिवार में कोहराम मच गया है। भाई व अन्य रिश्तेदार मथुरा पहुंचे। सुभाषनगर एसएचओ मुकेश कुमार टीम के साथ राजीव कॉलोनी स्थित घर पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत की। मोहल्ले वाले भी परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं।

रात क्क् बजे निकला था परिवार

राजू उर्फ महेश शर्मा की मालगोदाम रोड पर चाय की शॉप है। उनका छोटा भाई विनय पान की दुकान चलाता है। सैटरडे रात करीब क्क् बजे राजू, पत्‍‌नी विनीता, बेटी मानसी, खुशबू, बेटा रितिक और हार्दिक, बहन पूनम, भांजा रोहन और भांजी सुरभि के साथ बालाजी, मथुरा, वृंदावन के दर्शन के लिए निकले थे। उन्होंने इनोवा किराये पर ली थी और कार को ड्राइवर हरिश्चंद्र चला रहा था। सुबह करीब ब् बजे कार मथुरा-राजस्थान हाईवे स्थित मगोर्रा थाना के गांव मकेरा पहुंची थी। जहां अंग्रेजों के जमाने की वनवे फतेहपुर सीकरी नहर पुलिया है। रास्ते से अनजान कार ड्राइवर सामने ट्रक देखकर संतुलन खो बैठा और कार नहर में समा गई, जिससे सभी की मौत हो गई।

गांव वालों ने देखा तो नहर में कूदे

करीब पौने भ् बजे मॉर्निग वॉक पर निकले मकेरा गांव के लोगों ने कार को नहर में देखा तो शोर मचाया, जिसके बाद गांव वालों ने नहर में छलांग लगाकर सभी को कार से निकालना शुरू कर दिया। सूचना पर पुलिस टीम भी पहुंची और सभी को बाहर निकाला, लेकिन तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। काफी देर तक ड्राइवर का नहीं पता चला, लेकिन एक घंटे बाद उसकी भी लाश मिली। गांव वालों की मदद से प्रशासन ने क्रेन से कार को बाहर निकाला।

नहीं बचा सके जान

नहर में गिरने के बाद सभी ने बचने की कोशिश की होगी लेकिन किसी की जान नहीं बच सकी, क्योंकि नहर में कार गिरते ही पानी भर गया होगा। आशंका है कि अधिकांश लोग कार में सो रहे थे, जिसकी वजह से कोई खुद को बचा नहीं सका। हो सकता है कि कार का सेंट्रल लॉक लग गया हो जिसकी वजह से भी कोई बाहर नहीं निकल सका होगा। हादसे के बाद ड्राइवर ने गेट खोलकर कूदने की कोशिश की होगी या फिर शीशा खोलकर बाहर निकला होगा लेकिन वह गहरे पानी में डूब गया होगा। शायद यही वजह रही कि उसका शव कुछ दूरी पर मिला है। बार-बार हादसे होने से स्थानीय निवासियों ने गुस्से में हंगामा किया और शव नहीं उठने दिए। डीएम और एसएसपी के समझाने के बाद ही लोगों ने शव उठने दिए। जब पुलिस को कपड़ों से आधार कार्ड मिले और गाड़ी के नंबर से पहचान हुई तो संडे सुबह करीब म् बजे बरेली में परिजनों को सूचना दी।

मेरा तो सिंघासन पानी में डूब गया

बेटे-बहू, पोता-पोती, बेटी और नाती नातिन समेत परिवार के 9 लोगों की मौत की खबर सुनते ही राजू की मां सीता रानी शर्मा का कलेजा फट गया। वह फूट-फूट कर रोने लगीं। वह बार-बार कह रहीं थीं कि उनका तो सोनू का सिंघासन ही पानी में डूब गया। जाने किसकी नजर मेरे घर और बच्चों पर लग गई। बच्चे छोटे थे तो पति की मौत हो गई। बच्चों को बड़ा किया और सुख के दिन आये तो काल ने उनकी खुशियां छीन ली। कभी उनकी रिश्तेदार ऊषा उन्हें समझाकर ढांढस बंधाती तो कभी मोहल्ले की महिलाएं। जो भी महिला हाल जानने घर पहुंची वो बस उनके गले लगकर रोने लगतीं। उनकी आंख से लगातार आंसू बह रहे थे। कई लोगों ने आंसू पोंछकर गम करने की कोशिश भी की। सीता रानी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके साथ ऐसा होगा। एक साथ उनके परिवार के इतने सदस्यों की जान चली जाएगी। मोहल्ले वाले भी इस हादसे से गमगीन हैं। सभी कह रहे हैं कि राजू काफी मिलनसार थे, सब की मदद में आगे रहते थे। राजू के बच्चे भी सभी से मिलजुलकर रहते थे।