- फौकानिया में लगभग 74 हजार 638 और मौलवी में 50 हजार 429 एग्जामिनीज हुए थे शामिल

PATNA: फौकानिया व मौलवी का रिजल्ट ख्7 या ख्8 जुलाई को आने की संभावना है। फौकानिया में लगभग 7ब् हजार म्फ्8 और मौलवी में भ्0 हजार ब्ख्9 एग्जामिनीज शामिल हुए थे। बिहार स्टेट मदरसा बोर्ड के एग्जाम कंट्रोलर मो। मुमताज ने बताया कि ईद से पहले मौलवी और फोकानिया का रिजल्ट आने की संभावना है। फौकानिया व मौलवी के लिए कुल ख्ब्भ् एग्जाम सेंटर्स बनाए गए थे। उन्होंने बताया कि मधेपुरा प्रखंड में पेपर लीक होने के वजह से परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इस तरह से दोबारा परीक्षा क्7 जून से ली गई थी। सभी केंद्रों पर विडियोग्राफी के निगरानी पर एग्जाम लिया गया था।

दोषियों पर होगी कार्रवाई

वर्ष ख्0क्फ् की फोकानिया या मैट्रिक और मौलवी यानी इंटर के रिजल्ट में धांधली हुई है। बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड ने कांपियों की जांच कराए बिना रिजल्ट घोषित कर दिया। ऐसे कांपियों की संख्या काफी है, जिसकी जांच कराए बिना ही परीक्षार्थियों को नंबर दे दिए गए हैं। कई कांपियां ऐसी हैं जिनके मुख्य पृष्ठ पर प्राप्तांक दर्ज हैं, पर जब उसी रोल कोड और रोड नंबर का बोर्ड से मा‌र्क्सशीट निकाला गया, तो उसमें मा‌र्क्स डिफरेंट था। जानकारों का कहना है कि जहां कॉपियां जांच कराई गई, वहां के मदरसा टीचर्स और हेड एग्जामिनर्स ने गड़बड़ी की है। बोर्ड की मिलीभगत भी सामने आ रही है। बोर्ड के चेयरमैन मो। मुमताज आलम का कहना है कि बोर्ड को बदनाम करने की साजिश है। पता लगा रहे हैं, फिर कार्रवाई की जाएगी।

बोर्ड में कॉपी जांच प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए बोर्ड में बदलाव की जरूरत है। इस तरह का समाचार बिहार बोर्ड के जांच में भी आया था। बोर्ड पूनर्मूल्यांकन में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। इस तरह से बच्चों के भविष्य पर असर पड़ता है।

वृषिण पटेल, एजुकेशन मिनिस्टर, बिहार