- भाषा, पर्व-त्योहार, खान-पान और पहनावे के साथ बना है सांस्कृतिक रिश्ता

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क्कन्ञ्जहृन्: मारीशस में भारत से आए गिरमिटिया मजदूरों की याद में अप्रवासी दिवस समारोह की 184वीं वर्षगांठ शुक्रवार को मनाई गई। विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। उनके साथ गए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का प्रतिनिधिमंडल सदस्य कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि थे। यह मारीशस का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोह है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिए थे।

मारीशस में बिहार की झलक

मारीशस में होने वाले इस राष्ट्रीय समारोह के पहली बार बिहार के किसी राजनेता को मुख्य अतिथि बनने का मौका मिला है। चौधरी ने नवंबर 2018 में वाराणसी में होने वाले प्रवासी दिवस समारोह में भाग लेने भारत आ रहे मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण जगन्नाथ को पटना और बोधगया आने का निमंत्रण भी दिया। बिहार के प्रतिनिधिमंडल में शामिल उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मारीशस में बिहार की झलक दिखती है। यहां बसे बिहारी मूल के आप्रवासी भारतीयों ने यहां आने के 184 साल बाद भी अपनी भोजपुरी भाषा पर्व-त्योहार खान-पान और पहनावे के साथ बिहार से अपना सांस्कृतिक रिश्ता बचाए रखा है। 12 लाख की आबादी वाले मारीशस में 68 फीसद लोग भारतीय मूल के हैं और उनकी भाषा भोजपुरी है। 1968 में आजादी मिलने के बाद से भोजपुरी भाषी व्यक्ति ही मारीशस के प्रधानमंत्री होते रहे हैं।