RANCHI : चतरा की मगध-आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिग के मामले में एनआईए ने रांची के नामी व्यवसायी पर भी हाथ डाला है। इस व्यवसायी ने न सिर्फ सरकार को अपने स्तर से मदद की है, बल्कि राजनीतिक गलियारे में इनकी बहुत पहुंच है। इन्हें एनआइए ने हिंडाल्को समेत अन्य कंपनियों में कोयला आपूर्ति से लेकर टीपीसी के नक्सलियों के सांठगांठ के आरोप में बुलाया था। पूछताछ के बाद एनआइए ने उन्हें मुक्त कर दिया है, लेकिन अब भी वे शक के घेरे में है। इधर, आम्रपाली से फंडिग वसूलनेवाले मास्टरमाइंड सुभान मियां को एनआइए ने गिरफ्तार के जेल भेज दिया है।

कई बड़े नक्सली गिरफ्तार

एनआइए ने चतरा के टंडवा थाने में दर्ज कांड संख्या 22/18 समेत अन्य कांडों का अनुसंधान भी आरसी 6/18 के तहत टीपीसी के द्वारा कोल परियोजनाओं में लेवी वसूली के मामले में टीपीसी के बिंदु गंझू और कोहराम को गिरफ्तार कर चुकी है।

एसपी स्तर के पदाधिकारी पर गिरेगी गाज

2012- 2013 के बाद चतरा के मगध- आम्रपाली परियोजना में विस्थापितों को मैनेज करने और उन्हें धमकी देकर अपनी जमीन को जबरन देने के मामले तथा लेवी वसूलने के पांच कमेटियों के अलावे टीपीसी उग्रवादियों की छठी कमेटी बनाई थी। इनमें से सुभान मियां पुलिस, सीसीएल और उग्रवादियों के बीच की कड़ी का काम कर रहा था। उसके कई पुलिस अधिकारियों से भी बड़े ही बेहतर संबंध थे। इस मामले में एसपी, डीएसपी स्तर के पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।