श्रीमती कहें, कुंवारी बेटी कहें या बहन

बसपा प्रमुख मायावती ने अपने खिलाफ सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह लोकसभा चुनाव में हार से बौखलाकर अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं. ऐसा व्यक्ति अपने परिवार में पोते-पोतियों को भाई-बहन की बजाए श्रीमान-श्रीमती और न जाने क्या-क्या कह सकता है. उनके परिवार वालों को उन्हें इलाज के लिए तुरंत आगरा के पागलखाने में भर्ती करा देना चाहिए. बुधवार को फैजाबाद व गोंडा की चुनावी जनसभा में मुलायम ने मायावती को झूठा बताते हुए कहा था कि उन्हें समझ में नहीं आता कि वह मायावती को श्रीमती कहें, कुंवारी बेटी कहें या बहन.

भड़क सकते हैं दंगे

सपा सुप्रीमो के बयान पर देर शाम अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर मायावती ने चेताया कि उनके खिलाफ मुलायम के इस बयान से यूपी में जातीय दंगे भड़क सकते हैं, कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से मांग की कि वह मुलायम के इस बयान का संज्ञान लेकर सपा प्रमुख के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही चुनावी जनसभाओं में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाएं. यदि चुनाव आयोग में सुनवाई नहीं हुई तो कानून के तहत जो उचित होगा, वह कार्रवाई करेंगी. मायावती ने कहा कि मुलायम का यह बयान अत्यंत आपत्तिजनक, महिला विरोधी और अगरिमापूर्ण है, जिससे उनकी गिरी हुई मानसिकता प्रकट होती है. दुष्कर्मियों को फांसी की सजा देने के खिलाफ बयान देकर मुलायम इसका सुबूत दे चुके हैं.

महिलाओं की गरिमा व सम्मान को ठेस

आए दिन महिलाओं की गरिमा व सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले मुलायम ने अपनी पहली पत्नी को कितना सम्मान दिया है, यह किसी से छिपा नहीं है. मुलायम की यह टिप्पणी चुनावी लाभ उठाने की बुरी नीयत से की गई है. इस टिप्पणी से बसपा कार्यकर्ता बेहद आक्रोशित और सड़क पर उतरने पर उतारू हैं. उन्होंने प्रदेश में जगह-जगह बसपा कार्यकर्ताओं को टेलीफोन कर कहा है कि चुनाव तक उन्हें संयम नहीं खोना है, वह काम भी नहीं करना है जो सपा करती आई है. उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं से अपील की है कि उन्हें गुस्से का इजहार अगले दो चरणों के चुनाव में बसपा को ज्यादा से ज्यादा सीटें जिताने के साथ यह कोशिश करनी है कि सपा एक भी सीट न जीत पाए.

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