पांच साल तक होगा इंस्पेक्शन

आज एसएन मेडिकल कॉलेज में एमसीआई की टीम एमबीबीएस के इंस्पेक्शन के लिए पहुंच रही है। 2012 में यहां एमबीबीएस की 128 सीट्स को बढ़ाकर 150 कर दी गई थीं। कॉलेज के एसआईसी डॉ। अजय अग्रवाल ने बताया कि सीट बढऩे के बाद पांच साल तक रेग्युलर एमसीआई के इंस्पेक्शन का रूल होता है। चार सदस्यीय टीम कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर फैकल्टी तक सभी की जांच करेगी।

होगी स्क्रीनिंग

डीजीएमई के आए लेटर के आधार पर लखनऊ की टीम अप्रैल मंथ में 2012 बैच के एमबीबीएस स्टूडेंट्स की स्क्रीनिंग करने आएगी। शासन की तरफ से स्पेशल टीम कॉलेज में आकर सभी स्टूडेंट्स के डॉक्युमेंट्स का वेरिफिकेशन करेगी। सीपीएमटी एग्जाम्स में मुन्नाभाइयों के पूरे नेक्सस में इनवॉल्व सॉल्वर्स और दलालों के लिंक फेमस मेडिकल कॉलेजों से रहते हैं। इसको देखते हुए शासन ने यह कदम उठाया है।

रिपोर्ट में सामने आए तथ्य

डीजीएमई की रिपोर्ट के आधार पर ये ऐसे कॉलेज हैं जिनके बारे में सुनकर पहली बार तो भरोसा करना मुश्किल होगा, लेकिन सोर्सेज के अनुसार इस नेटवर्क की कमान संभालने वाले मास्टर माइंड के लिंक आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज, सैफई मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर मेडिकल कॉलेज, लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज और एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स से हैं। शॉकिंग फैक्ट ये है कि इन कॉलेजों के फस्र्ट और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स सिर्फ सीपीएमटी ही नहीं, बल्कि कई दूसरे एंट्रेंस एग्जाम्स में दूसरे स्टूडेंट्स की जगह पेपर देते हैं और उनको इसके बदले में मोटी रकम मिलती है।