- एमडीए आवंटियों को दे रहा है तरह-तरह के प्रलोभन

- कहीं दोबारा से न फंस जाएं प्राधिकरण के चुंगल में आवंटी

Meerut : डिफेंस एंक्लेव लैंड मिसिंग मामला एमडीए के लिए गले की हड्डी बना हुआ है। प्राधिकरण अधिकारियों के गले इसलिए भी सूखे हुए हैं, क्योंकि आठ अगस्त को आ रहे चीफ सेकेट्री के सामने ये मामला खुल गया तो उनके लिए अच्छा नहीं होगा। इसलिए प्राधिकरण इस मामले को जल्द से जल्द रफा-दफा करने की कोशिश में लगा है। आवंटियों को बुलाकर समझाने के अलावा उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन देने की भी कोशिश की जा रही है। वैसे दिखाने के लिए प्राधिकरण ने डिफेंस एंक्लेव के लैंड की पैमाइश करने के आदेश कर दिए हैं।

मामले को दबाने का प्रयास

चीफ सेकेट्री के आने से मेरठ विकास प्राधिकरण डिफेंस एंक्लेव लैंड मिसिंग मामले को दबाने के प्रयास में जुट गया है। इसके लिए प्राधिकरण इस मामले से संबंधित फाइलों को अपडेट करने में जुट गया है। साथ ही आवंटियों को एक-एक करके बुलाना भी शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो कहीं और जमीन देने और ब्याज के साथ रुपया वापस करने का प्रलोभन दिया जा रहा है। नाम न बताने की शर्त पर एक आवंटी ने बताया उन्हें दूसरी जगह पर प्लॉट आवंटन की बात कही गई है, लेकिन मैंने उसका कोई आंसर नहीं किया है।

हो सकती है बड़ी कार्रवाई

अगर ये मामला चीफ सेकेट्री के सामने आता है तो प्राधिकरण के कई अधिकारियों को नापा जा सकता है। जिसके कारण प्राधिकरण के कई अधिकारी काफी घबराए हुए हैं, जिसकी वजह से इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। इस मामले में सबसे ज्यादा लैंड डिपार्टमेंट के लोग घबराए हुए हैं, क्योंकि नक्शे में लैंड दिखाने और मौके पर न देखने की बड़ी गलती इसी विभाग से हुई है।

पैमाइश के हुए आदेश

वैसे प्राधिकरण ने पूरे डिफेंस एंक्लेव की लैंड को पैमाइश करने के आदेश जारी कर दिए हैं। प्राधिकरण के वीसी की मानें तो उन्होंने पूरे डिफेंस एंक्लेव की पैमाइश करने के आदेश जारी कर दिए हैं, ताकि पता चल सके कि एमडीए की वहां पर कितनी जमीन है। साथ ही वहां पर प्राधिकरण ने कितनी जमीन दी है? प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार अपनी गलती को सुधारने का इससे बेहतर तरीका कोई और नहीं हो सकता है।

पूरे डिफेंस एंक्लेव के पैमाइश के आदेश कर दिए गए हैं। इससे लैंड मिसिंग के बारे में भी पता चल जाएगा। इस मामले में किसी भी आवंटी को नुकसान में नहीं पहुंचाया जाएगा।

- राजेश कुमार सिंह, वीसी, एमडीए