- गंगानगर, लोहियानगर और वेदव्यासपुरी योजना में एमडीए किसानों को देगा बढ़ा हुआ मुआवजा

-समझौता लागू होते ही आवंटियों से प्रतिकर वसूलने की प्रक्रिया होगी शुरू

Meerut। शोले मूवी के वीरू को आप जानते हैं। टंकी पर चढ़कर हंगामा करने का जो 'हुनर' उन्होंने सिखाया, उसका खामियाजा आज भी लोगों को भुगतना पड़ रहा है। किसानों ने टंकी पर चढ़कर हंगामा किया तो एमडीए मुआवजा देने को तैयार हो गया। एमडीए अपनी जेब से रकम अदायगी तो करेगा नहीं, इसके लिए प्लाट होल्डर्स (आवंटियों) से वसूली की जाएगी। एमडीए एक बार फिर अब अपने आंवटियों से प्रतिकर (एनहांसमेंट) वसूलने की तैयारी में है। गंगानगर, लोहियानगर और वेदव्यासपुरी योजना में एमडीए किसानों के साथ समझौते के बाद आवंटियों पर प्रतिकर की मार पड़ेगी। हालांकि फिलहाल एमडीए किसानों के साथ हुए समझौते को लागू करने की तैयारी कर रहा है, जिसके बाद आवंटियों पर लगने वाली प्रतिकर राशि की गुणा-भाग की जाएगी।

क्या है मामला

दरअसल, शताब्दीनगर योजना की तर्ज पर बढ़े हुए मुआवजे की मांग कर रहे गंगानगर, लोहियानगर और वेदव्यासपुरी योजना के किसानों के साथ एमडीए ने कमिश्नर की अध्यक्षता में एक समझौता किया था। समझौते के अनुसार तीनों योजना के किसानों को शताब्दीनगर की तरह बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाना तय हुआ था। दो दिन पूर्व ही किसानों के साथ बैठक में एमडीए वीसी योगेन्द्र यादव ने एक माह के भीतर समझौता लागू कर बढ़ा हुआ मुआवजा वितरित किए जाने का आश्वासन दिया है।

215 करोड़ का पड़ेगा भार

गंगानगर समेत तीनों योजनाओं में एमडीए की 1445 एकड़ जमीन है। इस जमीन के लिए किसानों को 215 करोड़ रुपया मुआवजा दिया जाना है। ऐसे में गंगानगर और लोहियानगर में किसानों को बतौर मुआवजा भूखंड दिया जाना तय हुआ है, जबकि वेदव्यासपुरी में कमर्शियल लैंड होने के चलते उनका मुआवजे के तौर पर रकम दी जाएगी। किसानों को दी जाने वाली इस रकम का खामियाजा तीनों योजनाओं के आंवटियों पर पड़ेगा। नो प्रोफिट और नो लॉस व नियमावली के अनुसार एमडीए मुआवजे की इस रकम को आवंटियों से वसूलेगा। जिसके चलते आवंटियों पर नया प्रतिकर लगाया जाएगा।

योजना जमीन (एकड़) मुआवजा (करोड़)

गंगानगर 445 70

लोहियानगर 600 90

वेदव्यासपुरी 400 55

पहले होगा समझौता लागू

एमडीए किसानों के साथ हुए समझौते को लागू कर एक माह बाद तीनों योजनाओं में बढ़े हुए मुआवजे का वितरण करेगा। मुआवजा वितरण के बाद प्राधिकरण नुकसान की भरपाई के लिए आवंटियों पर प्रतिकर लगाएगा, जिसके बाद आवंटियों को प्रतिकर के रूप में धनराशि का भुगतान करना होगा।

पहले भी लग चुका है प्रतिकर

एमडीए पूर्व में भी गंगानगर, श्रद्धापुरी व वेदव्यासपुरी योजना के आवंटियों से प्रतिकर वसूल चुका है। 2004-05 में जहां किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने के बाद गंगानगर के आवंटियों पर 440 रुपए प्रति वर्ग मीटर प्रतिकर लगाया गया था, वहीं श्रद्धापुरी 250 रुपए प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल के हिसाब से प्रतिकर वसूल किया गया है। जबकि प्रतिकर का भुगतान न करने वाले आवंटियों पर एमडीए ब्याज लगाता आ रहा है।

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किसानों को दी मुआवजे की तौर पर दी जाने वाली धनराशि आवंटियों से प्रतिकर के रूप में वसूली जाती है। समझौता लागू होने के बाद इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। पिछले प्रतिकर भुगतान पर एमडीए 7 प्रतिशत ब्याज की छूट दे रहा है।

-बैजनाथ, अपर सचिव एमडीए