- शताब्दीनगर योजना में तीन बार कर दिया मुआवजे का भुगतान

-अन्य योजनाओं में भड़क उठी बढ़े हुए मुआवजे की मांग

-एक साथ अधिग्रहण की गई भूमि के लिए अलग-अलग मुआवजा

Meerut: महानगर व आसपास की हजारों एकड़ बीघा भूमि अधिग्रहण कर अपनी कई महत्वपूर्ण आवासीय योजनाएं चलाने का सपना संजो रहे एमडीए की मुआवजा नीति पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। एमडीए की ओर से शताब्दीनगर योजना के किसानों को जहां चार बार बढ़ा हुआ मुआवजा दे दिया गया, वहीं गंगानगर, वेदव्यासपुरी व लोहियानगर योजना के किसानों को केवल एक बार मिले मुआवजे में ही संतुष्ट होना पड़ा।

क्987 में अधिग्रहण

एमडीए की ओर से गंगानगर, शताब्दीनगर, वेदव्यासपुरी और लोहियानगर योजना के लिए क्987 में लगभग पांच हजार एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था, जिसके लिए जमीन पर खेती कर रहे लोगों को तत्कालीन मुआवजा नीति के आधार पर मुआवजे का भुगतान कर दिया गया, लेकिन प्रशासन की और से इस बीच शताब्दीनगर के किसानों को एक नहीं बल्कि चार बार बढ़ा हुआ मुआवजा दे दिया गया।

भड़क उठी मांग

शताब्दीनगर में किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा देने के साथ ही बाकी योजनाओं में भी शताब्दीनगर की तर्ज पर बढ़ा हुआ मुआवजा देने की मांग भड़क उठी। इसके लिए वहां की किसानों अफसरों के साथ वार्ता से लेकर टकराव की स्थिति में आ गए। यहां तक की मांग पूरी न होता देख किसानों ने एमडीए द्वारा अधिग्रहित भूमि को अपने कब्जे में कर फिर से खेती बाड़ी शुरू कर दी।

इतनी जमीन का हुआ अधिग्रहण

योजना जमीन गज में

वेदव्यासपुरी फ्8, 97, ख्8क्

लोहियानगर क्, ख्0, ख्89

गंगानगर प्रथम ख्क्, ब्म्, भ्88

गंगानगर विस्तार क्क्, 89, म्ख्म्

योजनाओं के किसानों दिया गया अवार्ड

योजना मूल अवार्ड

वेदव्यासपुरी क्8,भ्भ्,88,भ्ब्क्

लोहियानगर क्7,8ब्,भ्क्,989

गंगानगर प्रथम 9,0भ्,फ्ब्,8ब्0

गंगानगर विस्तार भ्,भ्ब्,फ्0,08ख्

शताब्दीनगर में दिया बढ़ा हुआ मुआवजा

क्989 कुल अवार्ड का 80 फीसदी

क्990 कुल अवार्ड का ख्0 फीसदी

ख्00भ् समझौते के अनुसार बढ़े हुए क्म्भ् रुपए

ख्0क्क् समझौते के अनुसार ---- म्90 रुपए

कुल अधिग्रहित भूमि--क्म्00 एकड़

तीनों योजनाओं को मिला अवार्ड

गंगानगर की जमीन के लिए मूल अवार्ड ख्ख् रुपए के अलावा ख्00क् में समझौते के अनुसार किसानों कों ख्क्0 रुपए का बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया। जबकि लोहियानगर व वेदव्यासपुरी में मूल अवार्ड ख्ख् रुपए के अलावा क्म्भ् रुपए का बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया।

एक हजार करोड़ का बढ़ेगा भार

तीनों योजनाओं के किसानों की मांग के अनुसार मुआवजे का भुगतान करने पर बढ़े हुए मुआवजे के रूप में एमडीए पर एक हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ जाएगा।

भूमि अधिग्रहण के लिए

डीएम भूमि का अवार्ड तय करता है, बावजूद इसके यदि किसी किसान को अवार्ड को लेकर आपत्ति है तो वह भूमि अधिग्रहण एक्ट की धारा क्8 के तहत जिलाधिकारी के यहां अर्जी लगा सकता है। डीएम उस अर्जी को जिला न्यायधीश को अग्रसारित कर देता है। उसके बाद कोर्ट से जो निर्णय आता है उसके आधार पर उक्त किसान को कब्जा दे दिया जाता है।

- डीपी श्रीवास्तव, एडीएम एलए

शताब्दीनगर में तीन बार मुआवजा गलत तरीके से दिया गया है। भूमि अधिग्रहण के समय किसी भी भूमि धारक को केवल एक बार मुआवजा दिया जा सकता है, अन्यथा उसके लिए कैबीनेट या सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मुआवजा राशि बढ़ाई जा सकती है।

- आई एस सिंह, चीफ इंजीनियर एमडीए

सभी योजनाओं में किसानों के मुआवजे का भुगतान कर अधिग्रहित जमीन पर कब्जा ले लिया गया है। आने वाले दिनों में सभी योजनाओं में कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जब शताब्दीनगर के किसानों को बढ़ा हुआ म़ुआवजा दिया जा सकता है तो एमडीए गंगानगर, वेदव्यासपुरी, लोहियानगर और वेदव्यासपुरी के लोगों के साथ सौतेला बरताव क्यों कर रहा है। अन्य योजनाओं के किसानों को भी शताब्दीनगर की तर्ज पर बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाना चाहिए।

- राम मेहर सिंह, किसान नेता