- लगातार फीवर और शरीर पर लाल दानों को न करें इग्नोर

- उम्र बढ़ने के साथ बढ़ जाती है एमडीएस की आशंका

- पीजीआई में एमडीएस एवं बोनमैरो प्रत्यारोपण पर सेमीनार

LUCKNOW:अगर बार बार फीवर हो रहा हो, दांत से या शरीर के किसी भी अंग ब्लीडिंग हो रही हो या बॉडी में लाल दाने है, सांस फूल रही है तो लापरवाही न करें और तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही ब्लड में प्लेटलेट्स, श्वेत रक्त कणिकाएं (डब्ल्यूबीसी) और हीमोग्लबीन की जांच कराएं। यह जानकारी एसजीपीजीआई के क्लीनिकल हिमैटोलाजी विभाग द्वारा एमडीएस में बोनमैरो ट्रांसप्लांट विषय पर आयोजित सेमीनार में प्रो। सोनिया नित्यानंद ने दी। क्लीनिकल हिमैटापेलॉजी विभाग की एचओडी डॉ। सोनिया नित्यानंद ने बताया कि इन टेस्ट्स के द्वारा ब्लड और बोनमैरो की क्षमता के बारे में जानकारी मिल जाती है। यदि बौनमैरो अच्छे सेल नहीं बना रहा है तो किसी हिमैटोलाजिस्ट से सलाह लें। इस स्थित में मायलोडिसप्लास्टिक सिंड्रोम (एमडीएस) की आशंका रहती है। यह एक तरह का ब्लड कैंसर है।

अब सम्भव है इलाज

डॉक्टर्स के अनुसार अब डीएनए बेस्ड दवाएं आ गई जिनसे इस कैंसर का इलाज सम्भव है। एमडीएस में ब्लड में सेल्स (आरबीसी, डब्लूबीसी, प्लेटलेट्स) बानने की प्रक्त्रिया को नियंत्रित करने वाले जीन में म्यूटेशन होने के कारण सही सेल नहीं बनते है जिन्हें ब्लास्ट सेल कहते हैं। यह परेशानी हर एक लाख लोगों मे से चार से पांच लोगों मेंहोने की आशंका रहती है।

7 की उम्र से पहले कराए बोन मैरो ट्रांसप्लांट

सीएमसी वेल्लूर के हिमैटोलाजी विभाग के एचओडी प्रो। आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि थैलेसीमिया से पीडि़त बच्चों की सात साल की उम्र के पहले ही बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया जाए तो सफलता दर बढ़ जाती है। बच्चा पूरी जिंदगी सामान्य तरह से जी सकता है। थैलीसीमिया में पेशेंट को बार बार ब्लड चढ़ाना पड़ता है।

राज्यपाल ने की सस्ते इलाज की अपील

कैंसर केइलाज लिए सस्ती एवं गुणवत्तापरक मेडिसिन पर काम करने जी जरूरत है। डॉक्टर्स को इस दिशा में काम करना होगा ताकि सबको इलाज मिल सके। सेमीनार का उद्घाटन करने के बाद राज्यपाल श्रीराम नाइक ने कहा कि कैंसर का इलाज मंहगा है जिसके कारण ज्यादातर लोग इलाज नहीं करा पाते। इलाज के खर्च कम करने की दिशा में काम करने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि कैंसर का नाम सुनते ही मरीज डर जाता है उसे लगता है कि उसकी जिंदगी खत्म हो गई। मरीजों में आत्मविश्वास पैदा करें और उनकी काउंसलिंग की भी जरूरत है। तमाम लोग कैंसर से लड़ कर लंबी जिदंगी पाते हैं।