दो माह से सैलरी न मिलने से नाराज हुआ बेली हॉस्पिटल का मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ

नहीं चली ओपीडी, जांच और आपरेशन, केवल इमरजेंसी सेवाएं चलीं

ALLAHABAD: जी हां। बेली हॉस्पिटल के डॉक्टर और तमाम स्टाफ के लिए यही लाइनें फिट बैठती हैं। बस भजन की जगह इलाज और कंठी-माला की जगह डॉक्टरों का आला समझ लीजिए। दो माह से सैलरी न मिलने से डॉक्टर और स्टाफ बुधवार को हड़ताल पर चले गए। उन्होंने सीएमएस का घेराव किया। उनका कहना था कि दो माह से अवकाश पर रहीं सीएमएस की मनमानी की वजह स्टाफ की सैलरी नही निकली।

नहीं दिया किसी को वित्तीय अधिकार

दस सितंबर को बेली हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ। नीती श्रीवास्तव दो माह की छुट्टी से लौटी हैं। डाक्टर्स और स्टाफ का कहना है कि अपनी गैर हाजिरी में उन्होंने किसी भी जूनियर को फाइनेंशियल पावर नही दी। इससे हॉस्पिटल में काम करने वाले 300 डॉक्टर और स्टाफ को दो माह से वेतन नहीं मिला। अवकाश से लौट के आने के नौ दिन तक भी सैलरी न मिलने से सभी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने बुधवार सुबह से कामकाज ठप कर दिया। केवल इमरजेंसी और इनडोर सेवाएं ही संचालित होती रहीं।

हुआ घेराव, लगाए नारे

स्टाफ नर्स सहित थर्ड और फोर्थ क्लास कर्मचारियों ने सीएमएस के चैंबर के बाहर जमीन पर बैठकर जमकर नारेबाजी की। उन्होंने सीएमएस का घेराव किया। चैंबर के भीतर डॉक्टर्स के साथ सीएमएस की घंटों वार्ता चलती रही। डॉक्टरों ने उनकी कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि अवकाश पर जाने के दौरान सीएमएस को कर्मचारियों के हित का ध्यान रखना चाहिए।

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मायूस होकर लौट गए मरीज

ओपीडी नही चलने से दूर दराज से आने वाले मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों की गैर मौजूदगी में मरीजो का इलाज नही हुआ और उन्हें मायूस होकर घर लौटना पड़ा। बता दें कि रोजाना हॉस्पिटल में 2500 के करीब मरीज आते हैं। बुधवार को इलाज के साथ जांच भी नही हो सकी। पर्चा और दवा का काउंटर भी बंद रहा।

मंगलवार तक का लिया समय

नाराजगी बढ़ती देख सीएमएस ने दोपहर एक बजे मंगलवार तक सैलरी मिल जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद स्ट्राइक वापस हो गई। डॉक्टरों का कहना था कि सैलरी न आने से दोबारा आंदोलन हो सकता है।

हमारी ओर से पूरी औपचारिकता कर दी गई है। बैंक का सर्वर स्लो होने की वजह से सैलरी अभी खाते में नही पहुंची है। बैंक से बात की जा रही है। जल्द ही डॉक्टर और कर्मचारियों की सैलरी उपलब्ध करा दी जाएगी।

-डॉ। नीती श्रीवास्तव,

सीएमएस, बेली हॉस्पिटल